लखनऊ। आज संध्याकाल बक्शी का तालाब अंचल के रसूलपुर सादात गांव में गोमती पर्यावरण महिला चेतना संगोष्ठी संपन्न हुई। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि थे गोमती एक्शन परिवार (Gomti Action Pariwar) के अध्यक्ष एवं गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति पूर्व आईएएस अधिकारी श्री जयशंकर मिश्र। मुख्य वक्ता के रूप में भूगर्भ जल विभाग उत्तर प्रदेश के पूर्व निदेशक डॉ. रवीन्द्र स्वरूप सिन्हा ने भारी संख्या में उपस्थित ग्रामीण महिलाओं को जल संरक्षण के विभिन्न सूत्र सिखलाए।
अंजलि सिंह एवं शैलेंद्र प्रताप सिंह द्वारा संचालित जूट फॉर लाइफ (सोशल) इंदिरानगर द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट रह चुके जे.एस.मिश्र ने कहा कि भूगर्भ जल स्तर लगातार नीचे होता जा रहा है। उन्होंने भूगर्भ जल में आ रही कमी को रोकने के महत्वपूर्ण सुझाव सभी को दिए। उन्होंने गोमती एक्शन परिवार (Gomti Action Pariwar) की गतिविधियों की जानकारी भी उपस्थित जनसमुदाय को दी। इसके पूर्व संस्थाध्यक्ष अंजलि सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और नारी जागरण के क्षेत्र में कार्यरत वरिष्ठ लोकसेवी डॉ. जया तिवारी द्वारा कविताओं के माध्यम से लोगों को मानव जीवन में जल की महत्ता बताई गई।
मुख्य वक्ता गोमती एक्शन परिवार (Gomti Action Pariwar) के मान्य सदस्य तथा भूगर्भ जल विभाग उत्तर प्रदेश के पूर्व निदेशक/मुख्य अभियंता डॉ. आर. एस. सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि गोमती नदी से दूर बसे गांवों के हमारे ग्रामीणजन भी गोमती नदी को शुद्ध, स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाने में भारी योगदान कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने गांव के आसपास बह रहे नालों एवं नहरों में कूड़ा-करकट डालने से पूरी तरह स्वयं को रोकना होगा। क्योंकि यही गंदगी छोटे-छोटे नालों के माध्यम से चौड़े कुकरैल नाले के जरिए गोमती नदी में जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके प्रकारांतर से हम गांव में बैठकर अपनी उस गोमती मैया को, जिनका हम पूजन करते हैं, रोज गंदा कर रहे हैं, मलिन बना रहे हैं। महिलाओं ने करतलध्वनि से भविष्य में इसका ध्यान रखने का आश्वासन गोमती एक्शन परिवार को दिया।
डॉक्टर सिन्हा ने देश को प्लास्टिकमुक्त करने के बड़े अभियान में लगी नारी शक्ति को जल संरक्षण के अनेक सूत्र दिए। गोमती एक्शन परिवार की सचिव नीना अग्रवाल ने देवियों को पानी बचाने के घरेलू नुस्खे दिए। इस अवसर पर गोमती एक्शन परिवार के सदस्य एवं बाल विद्या मन्दिर चारबाग के प्रधानाचार्य डॉ. आर. के. पाण्डेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस महत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण संगोष्ठी का मंचीय समन्वयन एवं संचालन गोमती एक्शन परिवार के महासचिव तथा भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष व संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जूट फॉर लाइफ के संरक्षक महेन्द्र प्रताप सिंह ने किया।
इस अवसर पर युवा आध्यात्मिक लोकसेवी एवं भाग्योदय फाउंडेशन में संस्कृति एवं संस्कार प्रभाग के निदेशक आचार्य श्याम मोहन शर्मा, बृजेन्द्र नारायण यादव, शैलेंद्र प्रताप सिंह के अलावा शबनम परवीन, प्राची रावत, रीता मौर्य, शायना, शिवप्यारी, संतोषी आदि जूट प्रशिक्षक भी मौजूद रहे।
