नई दिल्ली। दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद सरकार ने कहा है कि उसने किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद होने की बात कभी नहीं कही। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने कभी नहीं कहा कि किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे बंद हो गए हैं। दरअसल केंद्रीय मंत्री से पूछा गया था कि क्या किसानों के साथ बातचीत के दरवाजे अब बंद हो गए हैं। जावड़ेकर ने इसी सवाल का जवाब बड़ी बेबाकी के साथ दिया…
जावड़ेकर ने कहा कि क्या आपने कभी सुना कि हमने ऐसा कहा हो। हमने कहा था कि आगे जब भी बातचीत होगी उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी। मालमू हो कि बीते शुक्रवार को किसानों के साथ सरकार की 11वें दौर की वार्ता हुई थी। इस वार्ता के बाद सरकार ने किसानों से कहा कि वे तीन कृषि कानूनों को एक-डेढ वर्ष के लिए स्थगित करने के प्रस्ताव पर फिर से विचार करें लेकिन किसानों ने इसको खारिज कर दिया था।
यह पूछे जाने पर कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में क्या मंगलवार की हिंसा के बारे में भी चर्चा हुई। जावडेकर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल सुरक्षा समिति से अलग होती है। जहां तक किसानों के साथ बातचीत का मसला है इस संबंध में जो भी फैसला होगा हम सही समय पर इसकी जानकारी जरूर देंगे। उन्होंने कहा कि इस मसले पर जो भी बदलाव या फैसले हुए हैं हमने हर बार आपको बताया है और आगे भी इस बारे में जानकारी देंगे।
यह पूछे जाने पर कि हिंसा को लेकर आप व्यक्तिगत रूप से क्या महसूस कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मेरी वही भावना है जो आपकी है। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के सख्त रूख के लिए विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि जब आंदोलन की गरिमा खत्म हो जाए तब कोई समाधान संभव नहीं है। मालूम हो कि सरकार और किसानों के बीच अब तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई समाधान नहीं निकला है।