नई दिल्ली। केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी होने की स्थिति में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने के लिए नया विधेयक ला रही है। गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को लोकसभा (Lok Sabha) में इससे जुड़े तीन बिल पेश करेंगे।
जानकारी के अनुसार, इन विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति (JPC) को भेजने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा।
विधेयक (Bills) के मुख्य प्रावधान
– यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं, तो उन्हें स्वतः बर्खास्त कर दिया जाएगा।
-जेल से बाहर आने के बाद मंत्री की दोबारा नियुक्ति संभव हो सकती है।
पेश किए जा रहे तीन विधेयक(Bills)
1. केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025
2. संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025
3. जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025
तीनों विधेयक (Bills) में क्या है?
केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963 (1963 का 20) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963 की धारा 45 में संशोधन करने की आवश्यकता है। विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
वहीं, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों के अनुसार, संविधान के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है, इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री तथा राज्यों एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के मकसद से संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239एए में संशोधन की आवश्यकता है। विधेयक का उद्देश्य उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करना है।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों के अनुसार, जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है इसलिए ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करने हेतु जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन की आवश्यकता है। विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
संविधान संशोधन बिल (Bills) की जरूरत क्यों?
– पीएम, सीएम या मंत्री को पद छोड़ने की बाध्यता नहीं थी
– गंभीर आरोप में सजा होने के बावजूद पद पर रह सकते थे
– केजरीवाल 177 दिन जेल में रहने के बाद भी सीएम बने रहे थे
– दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन भी जेल में रहने के बावजूद मंत्री बने रहे
– तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी भी जेल में मंत्री बने रहे
– अब नए बिल में 30 दिन भी जेल में रहने पर कुर्सी चली जाएगी
– पीएम आरोपी सीएम, मंत्री को हटाने की सिफारिश कर सकते हैं
– पीएम अगर सिफारिश न भी करें तो भी कुर्सी छोड़नी ही पड़ेगी
बिल (Bills) में क्या-क्या है?
– 5 साल से अधिक सजा मिलने पर CM और मंत्री गिरफ्तार होंगे
– 30 दिन तक लगातार हिरासत में रहने पर पद से हटाए जा सकेंगे
– पद से हटाने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से सिफारिश करेंगे
– गिरफ्तारी के 31वें दिन तक इस्तीफा नहीं देने पर खुद पद से हट जाएंगे
– अगर पीएम ने सिफारिश नहीं की तो भी 31वें दिन कुर्सी चली जाएगी
नए कानून के दायरे में कौन-कौन ?
प्रधानमंत्री
मुख्यमंत्री
केंद्रीय मंत्री
राज्यों के मंत्री