गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्योहार हिंदू धर्म में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. खास तौर पर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में गणेश चतुर्थी जोर शोर से मनाई जाती है. बड़े-बड़े पंडालों में भगवान गणेश की मूर्तियां रखी जाती हैं और 10 दिन तक भगवान गणेश की उनके भक्त पूरी श्रद्धा, भक्ति भाव के साथ पूजा-आराधना करते हैं.
धार्मिक कथाओं के अनुसार, भगवान गणेश को प्रथम पूज्य होने का वरदान प्राप्त है. भगवान गणेश की कृपा तीन राशि के जातकों पर हमेशा बनी रहती है. वे कौन सी तीन राशियां हैं? इसके बारे में हमें बता रहे हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह से भगवान गणेश का विशेष संबंध होता है. बुध ग्रह को ज्योतिष में बुद्धि और संपन्नता का कारक माना जाता है, इसलिए ज्योतिष शास्त्र में ऐसा बताया गया है कि जिन राशियों में बुध ग्रह शुभ होते हैं या जिन राशियों के ग्रह स्वामी बुध होते हैं. भगवान गणेश की कृपा उन राशियों पर विशेष रूप से रहती है. ऐसी ही 3 राशियां हैं मेष राशि, मिथुन राशि और मकर राशि.
मेष राशि
वैसे तो मेष राशि के ग्रह स्वामी मंगल होते हैं लेकिन मेष राशि पर बुध ग्रह का विशेष प्रभाव माना जाता है. मेष राशि के जातकों पर इसी कारण से भगवान गणेश की विशेष कृपा बरसती है. मेष राशि के जातक बुध ग्रह के प्रभाव से बुद्धि में तेज होते हैं, इसलिए यह अपना काम बहुत तेजी से निपटा लेते हैं. मेष राशि के लोग जो काम करते हैं, उनमें रुकावटें बहुत कम देखने को आती हैं.
मिथुन राशि
मिथुन राशि के ग्रह स्वामी स्वयं बुध होते हैं और इसके प्रभाव से मिथुन राशि के लोग तेज बुद्धि, संवाद कुशल और अच्छे वक्ता होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि के लोग व्यापार में बहुत सफलता हासिल करते हैं. इसके अलावा नौकरी में भी वे सफलता प्राप्त करते हैं. इस राशि के लोगों पर भगवान गणेश की कृपा सदैव बनी रहती है.
मकर राशि
मकर राशि के ग्रह स्वामी शनि देव होते हैं, लेकिन इस राशि के कारक ग्रह बुध भी हैं. मकर राशि के जातकों पर शनिदेव की कृपा तो होती ही है, साथ ही भगवान गणेश की भी विशेष कृपा बनी रहती है. मकर राशि के जातकों को किसी भी काम में आसानी से सफलता प्राप्त होती है. मकर राशि के लोग बुद्धि कौशल में बड़ी से बड़ी चुनौतियों को आसानी से हल कर लेते हैं.