प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर (विश्वनाथ धाम) योगी सरकार की देख-रेख में तेजी से आकार लेने लगा है। कॉरिडोर की भव्यता और विशाल परिसर अब स्थानीय नागरिकों के साथ पर्यटकों को भी लुभा रही है।
कॉरिडोर में बना चौक, ललिताघाट के समीप बन रहा गेट अब लगभग अपने पूर्ण स्वरूप में हैं। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार से लेकर गंगाघाट तक कारिडोर परिसर में बने चारों गेट अलग ही आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
गंगा घाट के छोर पर बन रहा 90 फीट चौड़ा और 33 फीट ऊंचा द्वार गेटवे आफ कारिडोर मुख्य सड़क से ही दिखने लगा है। कॉरिडोर में मंदिर चौक से बाबा के गर्भगृह में प्रवेश के लिए बनाया जा रहा गेट सबसे ऊंचा है। यहां से बाबा दरबार का शिखर व गंगा का दर्शन एक साथ होगा। जलासेन घाट से बाबा दरबार को जोड़ने वाले कॉरिडोर की भव्यता को ध्यान में रख सात तरह के विशेष पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है। इसमें बालेश्वर स्टोन, मकराना मार्बल, कोटा ग्रेनाइट और मैडोना स्टोन का मुख्य रूप से इस्तेमाल हो रहा है, जो आने वाले दिनों में देशी व विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा।
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विश्वनाथ कॉरिडोर में दीवारों पर वाराणसी का प्रमाणिक इतिहास से जुड़े चित्र को भी उकेरा जा रहा है। इसमें मणिकर्णिका तीर्थ की स्थापना, ढुण्ढिराज गणेश की प्रथम शिव स्तुति, अष्ट भैरव की स्थापना, भगवान शंकर का 64 योगिनियों का काशी में भेजना, बाबा विश्वनाथ के त्रिशूल पर टिकी काशी, भोलेनाथ के अष्ट मातृकाओं की स्थापना, महाकवि कालिदास की शिव स्तुति आदि का वर्णन भी दीवारों पर उकेरा जा रहा है। कॉरिडोर में लग रहे चुनार के गुलाबी पत्थरों की आभा इसमें चार चांद लगा रही है। प्रदक्षिणा पथ और परिक्रमा पथ पर गुलाबी पत्थरों के तराशे हुए मेहराब भी अब दिखने लगे हैं। प्रदक्षिणा पथ से श्रद्धालु सीधे बाबा के दरबार में जायेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च, 2019 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की आधारशिला रखी थी। वर्तमान में कॉरिडोर निर्माण के दौरान मुख्य परिसर के अंदर चारों तरफ नक्काशीदार खम्भे, मेहराब और महीन जालियां लगी हैं। इनमें मकराना पत्थरों के लिए काम शुरू हो चुका है।
बीते एक अगस्त को काशी विश्वनाथ दरबार में आये गृहमंत्री अमित शाह ने कॉरिडोर को तय समय में ही पूरा करने का निर्देश अफसरों को दिया था। निर्माणाधीन कॉरिडोर का प्रेजेंटेशन देखने के बाद गृहमंत्री ने निर्माण कार्यों के बारे में जानकारी भी ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट अगस्त माह में पूरा होना है।