उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में रहने वाले जय सिंह यादव प्राइवेट काम करते हैं। लोहे की रॉड काटने वाले ग्राइंडर को दोनों हाथों से पकड़ने के बजाय वह एक हाथ से पकड़कर कुछ काट रहे थे। इस दौरान बड़ा हादसा हो गया और बिजली से चलने वाला ग्राइंडर हाथ की पकड़ से छूट गया। फिर क्या था ग्राइंडर ने उनके एक हाथ को काटते हुए सीने को चीर दिया। लोहे की प्लेट से सीना इस कदर कटा की दिल बाहर नजर आने लगा।
आनन-फानन में पीड़ित को हॉस्पिटल भेजा गया। जय की हालत देख उसके परिजनों को जय की बचने की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी। लेकिन परिजनों ने हिम्मत नहीं छोड़ी और उसे नारायण स्वरूप हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां जय की नाजुक हालत देखकर डॉक्टर ने एडमिट कर लिया। एक घंटे से ज्यादा समय तक चले ऑपरेशन के बाद हॉस्पिटल के निदेशक डॉक्टर राजीव सिंह ने जय सिंह यादव की जान बचा दी। तब जाकर परिवार वालों के जान में जान आई।
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परिवार के मुताबिक जय की बचने की उम्मीद खो चुके थे लेकिन एक डॉक्टर ने देवदूत बनकर हमारे परिवार के जय की जान बचा दिया। जय की जान बचाने वाले डॉक्टर राजीव सिंह कहते हैं एक छोटी सी गलती आदमी की जान की दुश्मन बन जाती है। ये ऑपरेशन के दौरान एक नया अनुभव रहा है।
उनके मुताबिक यह काफी क्रिटिकल केस था। ऐसे केस उनके जीवन में भी बेहद काम आए हैं। उनके मरीज को हॉस्पिटल लाया गया तो उसका खून काफी बह चुका था और दिल पूरी तरीके से बाहर दिख रहा था। लेकिन हमारे साथ मौजूद टीम ने पेशेंट के साथ काफी मेहनत किया और इसकी जान बचा ली।
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राजीव सिंह ने यह भी कहा है कि अगर इसे और देर कर देते तो शायद जय की जान बचा पाना मुश्किल होता है। नारायण स्वरूप हॉस्पिटल के निदेशक डॉ राजीव सिंह कहते हैं कि आप सभी लोगों को कुछ भी काम करते हुए सावधान रहना चाहिए ताकि जिस तरह जय के साथ हुआ है ऐसा हादसा किसी और के साथ न हो। सावधानी जरूर बरते क्योंकि जय की तरह हर किसी की किस्मत अच्छी नहीं होती है।