प्रयागराज । नामी सर्जन डॉक्टर जेके मिश्रा (85) ने स्वरूपरानी अस्पताल में 50 साल तक सेवाएं दीं, लेकिन कोरोना से घिरने के बाद उन्हें यहां एक डॉक्टर तक नहीं मिला और उन्होंने डॉक्टर पत्नी के सामने ही दम तोड़ दिया।
उनके पढ़ाए कई डॉक्टर इसी अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं लेकिन कोरोना संक्रमित होने के बाद 16 अप्रैल को उन्हें वेंटिलेटर तक नसीब नहीं हुआ। उन्हें जूनियर डॉक्टरों के हवाले छोड़ दिया गया, जबकि उनकी पत्नी महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रमा मिश्रा (80) जो उनके साथ ही संक्रमित हुई थीं, 13 अप्रैल को रातभर फर्श पर तड़पती रहीं।
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बेबस होकर वे कहती हैं कि डॉक्टर होने के बावजूद मैं उनकी कोई मदद न कर सकी। डॉक्टर रमा ने बताया कि 13 अप्रैल से डॉक्टर मिश्रा का आॅक्सीजन लेवल लगातार कम हो रहा था। 16 अप्रैल को उनकी तबीयत और बिगड़ गई।
एक और इंस्ट्रूमेंट लगाया तो उनकी सांस रुकने लगी। फिर हमने उसे हटवाया लेकिन कफ से खून आने लगा। मैं चिल्लाने लगी कि आप लोग कुछ करिए, वेंटिलेटर पर रखिए, लेकिन डॉक्टर बोले कि यहां वेंटिलेटर ही नहीं है।