डॉक्टर अक्सर कहते हैं कि बीमारियां उन लोगों को ज्यादा निशाना बनाती हैं, जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कमजोर होती है। विज्ञान की भाषा में इसे रोग प्रतिरोधक क्षमता घटना या इम्यून सिस्टम कमजोर होना कहते हैं। व्यक्ति ऊपर से तंदुरुस्त नजर आ सकता है, फिर भी उसकी रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो सकती है। इसके उलट, किसी दुबले-पतले इन्सान का इम्यून सिस्टम मजबूत हो सकता है। दरअसल, खून को शरीर में दौड़ाने वाली कोशिकाएं अन्य अंगों के साथ मिलकर बीमारियों से लड़ने की यह क्षमता (रोग प्रतिरोधक) हासिल करती हैं। शरीर में पैदा होने वाले कई हालात के साथ ही बाहरी कारण इस प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। किसी बच्चे में जन्म से ऐसा हो सकता है या वो हवा-पानी (पर्यावरण) में पल-बढ़ रहा है, उसके बुरे असर के कारण भी ऐसा हो सकता है।
दिल्ली के डॉ. आयुष पाण्डे के अनुसार, जिन बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है, वे बार-बार संक्रमण (इन्फेक्शन) का शिकार होते हैं और ये संक्रमण जल्दी दूर नहीं होते। यह रोगों से लड़ने की क्षमता ही है जिसके कारण कुछ बच्चों में सर्दी जुकाम जैसी बीमारियां जल्दी दूर हो जाती हैं और कुछ बच्चों में, यहां तक कि बड़ों में भी, लंबे समय तक बनी रहती है।
इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ने के संकेत
- भूख न लगना, पेट में दर्द होना, ऐंठन, बार-बार दस्त आना
- बच्चों का सही शारीरिक विकास न हो पाना
- बच्चों का दिमाग न चलना
- शरीर में अंदरूनी सूजन
- एनीमिया यानी खून की कमी होना
रोगों से लड़ने की ताकत कम होने के कारण
- एचआईवी, जिस वायरस से एड्स होता है
- कुछ प्रकार के कैंसर
- कुपोषण यानी भोजन में पोषक तत्वों की कमी
- वायरल हेपेटाइटिस
- कभी-कभी दवाओं के असर से भी यह ताकत कम हो जाती है।
ऐसे बढ़ाई जा सकती है रोगों से लड़ने की ताकत
- इम्यून सिस्टम सर्दी और फ्लू का कारण बनने वाले वायरस से बचाव करता है। ये आठ कदम आपके इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने में मदद कर सकते हैं। यह आपको उन वायरस से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
- खूब फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाइए।
- सप्ताह में जितने ज्यादा दिन हो सके, कम से कम 30 मिनट का कसरत करें।
- पर्याप्त नींद लें।
- जब-जब भी जरूरत हो, हाथ जरूर धोएं।
- टीकाकरण कराएं। छोटे बच्चों को हर साल फ्लू का टीका लगवाना चाहिए।
- अपना वजन कंट्रोल रखें।
- सिगरेट-शराब न पिएं।
- शरीर को जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता है, उन्हें जरूर लें।
जिन लोगों में रोगों से लड़ने की ताकत कम होती है, उन्हें बदलते मौसम में खूद का ख्याल अधिक रखना चाहिए। ठंड के मौसम में बाहर निकलते समय पूरा ख्याल रखें। खुद को प्रदूषण से बचाएं रखें। ऐसे लोगों से दूर रहें, जो बीमार हैं।
भोजन की थाली में छूपी है अच्छी सेहत
इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की ताकत) मजबूत करने का सबसे अच्छा और प्राकृतिक स्रोत है भोजन। आपकी थाली में सब्जियां और फल ज्यादा होने चाहिए। भारत में सरकार ने अपने ‘मायप्लेट’ प्रोग्राम के तहत दिशा-निर्देश जारी किए हैं और बताया है कि भोजन की आदर्श थाली कैसी होती है। शरीर में किसी तरह की कमजोरी या असहजता महसूस होती है तो डॉक्टर को बताना चाहिए और उनसे यह भी जानना चाहिए कि क्या मरीज वह भोजन कर रहा है जिसमें उसके लिए जरूरी विटामिन और खनिज हो। अधिक खुराक न लें। बहुत ज्यादा सोना बुरा हो सकता है।
तनाव कम करने की कोशिश करें
आज हर व्यक्ति को तरह-तरह के तनाव से जूझना पड़ रहा है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि इम्यून सिस्टम यानी रोगों से लड़ने की यही क्षमता तनाव दूर करने में मदद कर सकती है। इसलिए तनाव कम लें, खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रखें।
तनाव दूर करने के लिए उठाए ये कदम
- पर्याप्त नींद लें।
- खुद को रिलेक्स रखें यानी हर वक्त तनाव में न रहें। बीच-बीच में कुछ ऐसे काम करते रहें, जिसने सुकून महसूस हो जैसे कोई शॉर्ट फिल्म देखना या संगीत सुनना।
- व्यायाम जरूर करें।
- अपने लिए समय निकालें।
- उन लोगों से मिलते-जुलते रहें, जिन्हें आप अपनी समस्याएं बताते हैं और सही समाधान मिलता है।
- तनाव ज्यादा बढ़ जाए तो परेशान बने रहने के बजाए डॉक्टर से मिलें। काउंसलिंग से कई तरह के तनाव दूर हो सकते हैं।
मां अपने बच्चे को स्तनपान कराती है, उस बच्चे में रोगों से लड़ने की ताकत ज्यादा होती है। जिस घर में छोटे बच्चे हों, वहां साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए। बच्चों को बाहर की चीजें खिलाने के बजाए घर की बनी पौष्टिक चीजें खिलाएं।