नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नई उड़ान देगा। इससे मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़ और आगरा समेत कई जिलों में विकास की गति को रफ्तार मिलने की उम्मीद है। फिलहाल इन जिलों से हवाई उड़ान के लिए लोगों को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई) का रुख करना पड़ता है। इसमें काफी समय खर्च होता है। इस एयरपोर्ट के बनने से दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
जेवर एयरपोर्ट बनने से मेरठ-बुलंदशहर से इंटरनेशनल उड़ान की दूरी कम हो जाएगी। मेरठ, बुलंदशहर से यह 50 किलोमीटर के दायरे में आ जाएगा। मेरठ के खेल उद्यमी, सर्राफा कारोबारी, हैंडलूम व्यापारी, बुलंदशहर के पॉटरी कारोबारी, मुजफ्फरनगर के गुड़ मंडी के लोगों को नए एयरपोर्ट का लाभ मिलेगा। खेल और ज्वैलरी उद्योग को चार चांद लग जाएंगे।
जेवर एयरपोर्ट से आगरा के पर्यटन को पंख लग जाएंगे। अभी दिल्ली के सहारे ही लोग हवाई यात्रा करते थे, लेकिन अब आगरा से मात्र डेढ़ से दो घंटे की दूरी पर दिल्ली और जेवर एयरपोर्ट होने से यहां के लोगों को ज्यादा फायदा होगा। आगरा में ताजमहल के कारण साल में 14 से 15 लाख पर्यटक भ्रमण करने आते हैं। विदेशी पर्यटक दिल्ली एयरपोर्ट से टैक्सी के माध्यम से आगरा आते हैं।
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जेवर एयरपोर्ट से अलीगढ़ के ताला, हार्डवेयर, पीतल मूर्ति, इलेक्ट्रानिक, डिफेंस कॉरिडोर व एएमयू के विदेशी छात्रों को विशेष फायदा मिलेगा। अलीगढ़ में विदेशी बॉयर सीधे आएगा और इससे निर्यात में इजाफा होगा। यहां की 36 लाख से अधिक की आबादी को इसका लाभ मिलेगा। दिल्ली जाने के लिए तीन से चार घंटे के समय की बचत अलीगढ़ वालों की होगी।
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के बाद दिल्ली देश का पहला ऐसा शहर बन जाएगा, जिसके 70 किलोमीटर के दायरे में तीन एयरपोर्ट होंगे। दिल्ली में इंदिरा गांधी एयरपोर्ट संचालित है। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरपोर्ट से सिर्फ घरेलू उड़ान संचालित होती हैं। जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनेगा।