कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में थाना भोगनीपुर के तहत 17 जुलाई को हुए बृजेश पाल के अपहरण के 12 दिन बीत जाने के बाद आखिरकार गुत्थी सुलझ गई और अपहरणकर्ता भी हाथ लग गया।
लेकिन घटना का खुलासा करने में इतनी देर हो गई कि अपहरणकर्ता ने बृजेश को मौत के घाट उतार दिया और पूछताछ में अपहरणकर्ता ने बताया कि बृजेश उसका बेहद अच्छा मित्र था, लेकिन वह क्या करता उसके सिर पर दो ट्रक का कर्जा था जिसे चुकाने के लिए पैसे नहीं थे।
अपहरण कर फिरौती वसूलने की योजना बनाई थी, लेकिन उससे पहले ही बृजेश को मौत के घाट उतार दिया। यह सब किसी और ने नहीं बल्कि बृजेश के मित्र व अपहरणकर्ता कन्हाखेड़ा देवराहट निवासी सुबोध सचान ने पुलिस को पूछताछ में बताया है।
ब्रजेश पाल की अपहरण की गुत्थी सुलझाने में लगी भोगनीपुर की पुलिस एक-एक करके संदिग्धों से पूछताछ कर रही थी। इसी पूछताछ के दौरान भोगनीपुर पुलिस को सूचना मिली की अपहरण वाले दिन आखिरी बार बृजेश के साथ उसके मित्र सुबोध को देखा गया था।
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जानकारी होते ही पुलिस ने सुबोध सचान को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। लंबी चली पूछताछ में पहले सुबोध अपने आप को निर्दोष बताता रहा लेकिन आखिर में वह टूट गया और पूरे घटनाक्रम को पुलिस के सामने बता दिया ।
पुलिस को उसकी निशानदेही पर बृजेश का शव भी मिल गया है। उसने कर्ज चुकाने के लिये अपहरण की योजना बना डाली और इसके लिए अपने मित्र बृजेश को ही चुना। बृजेश को कोल्ड ड्रिंक पिलाने के बहाने बाहर बुलाता है। सुबोध ने बताया कि पहले से ही कोल्ड ड्रिंक में नशे की दवा मिला दी ।
कोल्ड ड्रिंक पीते ही बृजेश बेहोश हो गया। सुबोध ने कहा कि उसके बेहोश हो जाने के बाद वह घबरा गया और उसने उसी समय बृजेश की रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी और फिर शव को पास के कुएं में फेंक दिया।
कुछ घंटे बीत जाने के बाद बृजेश के परिजनों से 20 लाख की फिरौती की मांग की। उसने परिजनों को 5 दिन की मोहलत भी दी थी,लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी जब फिरौती नहीं मिली तो वह बहुत घबरा गया। उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। वह पुलिस की टीम को उस कुएं तक भी ले गया जहां बृजेश का शव उसने फेंका था।