एक ओर जहां केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो रहा था और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ ले रहे थे तो वहीं चिराग ने समस्तीपुर में आशीर्वाद यात्रा के दौरान अपने चाचा पर हमलावर रुख अख्तियार कर रखा था। उन्होंने कहा कि वे मंत्री बनने की अति महत्वाकांक्षा के कारण नीतीश कुमार के गोद में जाकर बैठ गए हैं।
इतना ही नहीं चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस पर पीठ में खंजर घोंपने के साथ-साथ पार्टी और परिवार को तोड़ने का भी आरोप लगाया। चिराग ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड के कई नेता और विधायक उनके संपर्क में हैं। जल्द ही जेडीयू में एक बड़ी टूट होगी और बिहार में मध्यावधि चुनाव होंगे।
उन्होंने तेजस्वी यादव को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने साथ आने का ऑफर दिया है, लेकिन अभी मेरी पहली प्राथमिकता पार्टी को मजबूत करना है। जब चुनाव नजदीक आएंगे तब गठबंधन के बारे में सोचा जाएगा।
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समस्तीपुर में चिराग पासवान ने कहा कि जेडीयू के कई नेता और विधायक हम लोगों के संपर्क में हैं। मेरा दावा है कि बहुत जल्द जेडीयू में टूट के साथ बिहार में चुनाव की भूमिका तैयार होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए चिराग ने कहा कि कैबिनेट विस्तार में अपने नेताओं को प्राथमिकता न देकर उन्होंने मेरे परिवार को तोड़ने के लिए सिर्फ एक नाम पर ध्यान दिया। पार्टी में फूट करने में अहम भूमिका निभाने वाले ललन सिंह को मंत्री नहीं बनाने पर सवाल करते हुए चिराग ने कहा कि उनका क्या होगा। केसी त्यागी को छोड़ दिया। कुशवाहा का नाम तेजी से चला, इतना ही नहीं जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर का भी नाम मजबूती से चल रहा था, लेकिन आपको इनमें से कोई भी अपने पार्टी का नहीं दिखा। आपने सिर्फ मुझसे रंजिश निकालने के लिए मेरे परिवार के सदस्य का नाम आगे कर दिया।
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चिराग पासवान ने कहा कि व्यक्तिगत अति महत्वकांक्षा में मंत्री बनने के लालच में चाचा पशुपति पारस ने पीठ में खंजर घोंपने का काम किया है। यह नीतीश कुमार ही हैं जिन्होंने मेरे पिता रामविलास पासवान को राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ने नहीं दिया।
चाचा को मंत्री बनाए जाने को लेकर चिराग ने कहा कि मेरे परिवार और पार्टी में टूट हुआ जो दुःखद था। ये लोग अकेले चुनाव लड़ने के फैसले में सहमत नहीं थे इसलिए अलग हो गए। ऐसे कई बयान दिए लेकिन आज के कैबिनेट विस्तार के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि आपके अलग होने का एकमात्र कारण था व्यक्तिगत अति महत्वकांक्षा और मंत्री बनने का लालसा थी।
चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने मंत्री बनने के लिए न सिर्फ पार्टी को तोड़ा बल्कि परिवार को भी तोड़ने का काम किया है। ये खंजर सिर्फ चिराग पासवान की पीठ में ही नहीं भोका है बल्कि मेरे पिता रामविलास पासवान की पीठ में भी भोका है। चाचा की महत्वकांक्षा ही थी कि उनको पार्टी और परिवार से दूर ले गया।
एलजेपी नेता चिराग ने कहा कि आज पहली बार नीतीश कुमार ने हमारी पार्टी को तोड़ने का काम नहीं किया है। इससे पहले 2005 में हुए दोनों बार के चुनाव में हमारे विधायक को तोड़ने का काम किया। वैसे ही नेता के संरक्षण में चाचा पारस मंत्री बनने गए हैं।
चाचा पशुपति पारस के मंत्री बनने पर चिराग पासवान ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुझे कोई ऐतराज नहीं है कि आप जेडीयू की सदस्यता ग्रहण कर लें। इससे मेरी आगे की कानूनी लड़ाई बच जाएगी क्योंकि मैंने पार्टी से पहले ही इन लोगों को निष्कासित कर दिया है।
चिराग ने कहा कि आज की तारीख में ये पांच सांसद एलजेपी के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में अगर ये जेडीयू या बीजेपी के कोटे से मंत्री बनते हैं तो मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं, लेकिन अगर ये एलजेपी के कोटा से मंत्री बनते हैं तो मैं पीएम को एक पत्र भी लिख चुका हूं कि अगर आप एलजेपी के कोटे से मंत्री बनाएंगे तो हम लोगों को ऐतराज होगा और इसके लिए जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट भी जाएंगे।