नई दिल्ली। बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan) बनाम पहलवान मामले ने नया मोड़ ले लिया है। एक तरफ साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो वहीं दूसरी तरफ यौन शोषण का केस दर्ज कराने वाली नाबालिग महिला पहलवान ने अपना बयान बदल दिया है। अपने बयान में पहले जहां नाबालिग महिला पहलवान ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था तो वहीं अब उसने बयान में बदलाव करते हुए कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष पर भेदभाव का आरोप लगाया है।
आरोप लगाने वाली नाबालिग महिला पहलवान के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने 164 के तहत दिए गए अपने पुराने बयान को बदल दिया है। बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan) पर पहले उसने जो यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे, वह नए बयान में नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह इस वक्त परेशान हैं और चाहते हैं कि उनके परिवार को अकेला छोड़ दिया जाए।
गुस्से के चलते की गई थी शिकायत!
महिला पहलवान के पिता ने आगे कहा कि उन्होंने केस गुस्से में आकर किया था। उन्होंने दावा किया कि तब बृजभूषण और भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने एशियाई चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया में पक्षपातपूर्ण फैसले लिए थे। इससे उनकी बेटी प्रभावित हुई थी। महिला पहलवान के पिता ने यह भी कहा कि जब पहलवान शुरू में विरोध पर बैठे तो शिकायत गुस्से के चलते की गई थी, क्योंकि उन्हें अब भी लगता है कि चयन प्रक्रिया में उनकी बेटी के साथ गलत व्यवहार हुआ था।
सर्टिफिकेट के साथ नहीं की गई छेड़छाड़
केस वापस नहीं लेने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल उन्होंने केस तो वापस नहीं लिया है, लेकिन बयान नए सिरे से रिकॉर्ड कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि बेटी के प्रमाणपत्रों से कोई भी छेड़छाड़ नहीं की गई है, उनकी बेटी नाबालिग है।
नाबालिग पहलवान ने लगाया था POCSO
बता दें कि पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए थे। सात शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग पहलवान ने POCSO में शिकायत की थी। दो जून को कुश्ती की नाबालिग पहलवान का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने रिकॉर्ड किया गया था। इसके बाद सीलबंद लिफाफे में राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई कर रही संबंधित कोर्ट को यह बयान भेज दिया गया। कोर्ट में बयान के वक्त नाबालिग पहलवान के साथ उसके पिता और दादा दोनों मौजूद थे।