मथुरा। 20 से ज्यादा पुलिसवालों के बीच में वृंदावन का एक बंदर कलेक्टर साहब ( DM of Mathura) का चश्मा छीनकर ऊंची जगह जा बैठा। पहले जिलाधिकारी और फिर पुलिस वालों ने बंदर से चश्मा वापस लेने की काफी कोशिश की। मगर, बंदर किसी भी हालत में चश्मा वापस करने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद पास की एक दुकान से फ्रूटी मंगाई गई। यह देख कर बंदर पास आया और फ्रूटी लेकर चश्मा वापस कर भाग गया। इस तरह 5 मिनट बाद जिलाधिकारी को उनका चश्मा वापस मिल पाया।
रविवार दोपहर बांके बिहार मंदिर में हुए हादसे की जानकारी लेने पहुंचे थे जिलाधिकारी मथुरा नवनीत चहल ( DM of Mathura) बांके बिहार मंदिर में हुए हादसे के बाद घटना की जानकारी लेने वृंदावन पहुंचे थे। उनके साथ एसएसपी अभिषेक यादव और अन्य अफसर भी थे। डीएम एसएसपी राधा बल्लभ मंदिर के पास से रास्तों को देखते हुए जा रहे थे।
इसी दौरान जिलाधिकारी के मोबाइल पर किसी का फोन आया। वह पुलिसकर्मियों के बीच से निकल कर दूसरी तरफ जाकर बात करने लगे। इसी बीच एक बंदर आया और उनका चश्मा लेकर भाग गया। जिलाधिकारी के साथ पुलिसकर्मियों ने बंदर से चश्मा बरामद करने की काफी कोशिश की। बंदर को खान-पान से लेकर हर तरह का लालच दिया गया, लेकिन उसने चश्मा नहीं छोड़ा। चार पुलिसकर्मी उसके पीछे लगाए गए।
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उसके बाद दुकान से दो फ्रूटी मंगाई गई। एक पुलिसकर्मी हाथ में फ्रूटी लेकर उसकी तरफ आगे बढ़ा। यह देखकर बंदर नीचे आया। उसके हाथ से फ्रूटी ली और चश्मा छोड़कर वापस भाग गया। चश्मा मिलने के बाद डीएम नवनीत सिंह चहल (DM Navneet Chahal) के साथ चल रहे लोगों ने कहा कि सर आज तो यह खबर बन गई। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि पहले भी दो बार यहां के बंदर चश्मा ले जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बंदरों की समस्या से निजात के लिए उपाय तलाशे जा रहे हैं।