जिले के पिपरौली गांव में जन्म देने वाली मां ने ही अपनी चार मासूम बेटियों का रात्रि में सोते समय तेजधार हथियार से गला रेत दिया। जिससे चारों मासूम बच्चियों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
इतना ही नहीं महिला ने खुद भी गला रेत कर जान देने की कोशिश की, लेकिन अभी महिला राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में मौत व जिंदगी की जंग लड़ रही है। घटना की खबर गांव में ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके में फैली तो हजारों की संख्या में आसपास के गांव के लोग घटनास्थल पर जुटना शुरू हो गए।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी नरेंद्र सिंह बिजारनियां से लेकर स्थानीय विधायक मोहमद इलियास भी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद चारों बच्चियों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अल आफ़िया अस्पताल मांडीखेड़ा ले जाया गया। जहां से चारों बच्चियों का पोस्टमॉर्टम कर शव उनके परिजनों को सौंप दिया है।
पुलिस ने मृतक बच्चियों के पिता के बयान पर बच्चियों की मां के खिलाफ हत्या की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस घटना के बाद पिपरौली गांव में ही नहीं बल्कि इलाके में मातम पसरा है। गांव में मातम की वजह से चूल्हा तक नहीं सुलग रहा है।
जानकारी के मुताबिक फरमिना पत्नी खुर्शीद उम्र 38 साल निवासी पिपरौली कि खुर्शीद के साथ दूसरी शादी थी। वर्ष 2012 में खुर्शीद की शादी के बाद उनके चार बेटियों ने घर में जन्म लिया।
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मुस्कान 7 वर्ष, मिस्कीना 4 वर्ष, अलशिफा 3 वर्ष और अरबीना चार माह अभी मां की उंगलियां पकड़ कर जमाने में चलने का हुनर सीख रही थी। लेकिन उसी मां ने उन्हें किसी जानवर की तरह काट दिया। घर में चारों तरफ खून ही खून दिखाई देने लगा। पिता की आंख खुली तो उसकी चारों बेटियां मर चुकी थी और उसकी पत्नी उन्हें कत्ल करने के बाद खुद गला रेतकर सिसक रही थी। घटना रात्रि करीब 3 बजे की बताई जा रही है।