लाइफस्टाइल डेस्क। शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 17 अक्तूबर, शनिवार से हो रहा है। देशभर में 17 अक्तूबर से 25 अक्तूबर शारदीय नवरात्रि की धूम रहेगी। नवरात्रि के पावन दिनों में मां के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस बार कोरोना वायरस की वजह से मंदिरों में अधिक भीड़ नहीं रहेगी। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको मां के उस पावन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां भक्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए धरना देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां के इस मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
हम बात कर रहे हैं मां के पावन नेतुला मंदिर की। मां नेतुला मंदिर बिहार के जमुई जिले में सिंकदरा प्रखंड के कुमार गांव में स्थित है। मां के इस पावन मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहा था। नवरात्रि के दिनों में मां के इस पावन धाम में भक्तों की काफी भीड़ रहती है।
मां नेतुला मंदिर में मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा होती है। मां नेतुला मंदिर मां के शक्तिपीठ धामों में से एक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पावन स्थान पर माता सती की पीठ गिरी थी। मां के पावन शक्तिपीठ धामों में दर्शन का विशेष महत्व होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां नेतुला मंदिर में 30 दिनों तक सच्चे मन से धरना देने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मां नेतुला मंदिर की मान्यता है कि इस धाम में धरना देने से लोगों को आंखों की खोई हुई रोशनी व नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति हो जाती है।
मां के इस पावन धाम में मुस्लिम समुदाय के लोग भी दर्शन करने आते हैं। मां नेतुला मंदिर में प्रत्येक दिन सुबह और शाम को मां का फूलों से श्रंगार और आरती की जाती है।