कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में उत्तर प्रदेश की स्थिति लगातार बहुत अच्छी हो रही है। सतत प्रयासों से अब पूरे प्रदेश में एक्टिव कोविड मरीजों की कुल संख्या 30 हजार से भी कम हो चुकी है।
वर्तमान में 28,694 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं। अब तक 16 लाख 44 हजार 511 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। हमारा रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गया है। यह बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-9 टीम के साथ हुई समीक्षा बैठक के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने आज 05 करोड़ कोविड टेस्टिंग का नया कीर्तिमान बनाया है। इतने कोविड टेस्ट किसी भी अन्य राज्य द्वारा नहीं किये गए। कोरोना संक्रमण की रोकथाम में ट्रेसिंग-टेस्टिंग के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश ने प्रारंभ से ही एग्रेसिव होने की नीति अपनाई है। यही कारण है कि आज प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। विगत 24 घंटे में कुल 3,31,511 टेस्ट किए गए, जबकि 1514 नए केस की पुष्टि हुई है और 4,439 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।
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बताया कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में सुचारु रूप से चल रही है। 45 वर्ष से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के लोगों को कोविड सुरक्षा कवर प्रदान करने में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। अब तक 1 करोड़, 51 लाख, 81 हजार, 813 लोगों को पहली डोज दी जा चुकी है, जबकि 35 लाख, 05 हजार, 573 लोग वैक्सीन के दोनों डोज से आच्छादित हो चुके हैं। इस प्रकार प्रदेश में अब तक वैक्सीन के कुल 1 करोड़, 86 लाख, 87 हजार, 386 डोज एडमिनिस्टर किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एक जून से प्रारंभ सभी 75 जिलों में 18+ आयु के टीकाकरण अभियान में लोगों की भागीदारी उत्साहजनक है। इस महाभियान के पहले दिन एक जून को साढ़े 05 हजार सेंटरों पर 3,42,000 से अधिक लोगों ने वैक्सीन का सुरक्षा-कवर प्रॉप्त किया। इस क्रम को और बेहतर किया जाए।
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बताया कि सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन निःशुल्क है। कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित हो, इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था लागू की गई है। वेटिंग एरिया और ऑब्जर्वेशन एरिया की समुचित व्यवस्था हो।लोगों को कम से कम समय तक प्रतीक्षारत रहना पड़े। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस महाभियान को सफल बनाएं।
उन्होंने कहाकि कोरोना को लेकर प्रदेश में स्थिति तेजी से बेहतर हो रही है। हमारे 64 जिलों में 600 से कम एक्टिव केस रह गए हैं। ऐसे में मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में सीमित संख्या के साथ जनरल ओपीडी का प्रारंभ किया जाए। ओपीडी में आने के लिए मरीज का समय पूर्व निर्धारित हो। अपॉइंटमेंट सिस्टम अनावश्यक भीड़ को रोकने में कारगर होगा। इमरजेंसी सेवाएं 24×7 जारी रखी जाएं।