केंद्र सरकार एक ओर तो मर्जर और विनिवेश के जरिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या कम करने में लगी है, दूसरी ओर देश में निजी क्षेत्र के बैंकों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की संभावना नजर आने लगी है। भारतीय रिजर्व बैंक को निजी क्षेत्र के आठ नए बैंकों को खोलने के लिए आवेदन मिले हैं।
रिजर्व बैंक की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक निर्धारित गाइडलाइन्स के तहत उसे दो अलग-अलग वर्गों के बैंक के लाइसेंस के लिए चार-चार आवेदन मिले हैं। इन गाइडलाइंस के तहत यूनिवर्सल बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक के लिए लाइसेंस दिए जाने हैं। आवेदन करने वालों में देसी-विदेशी कंपनियां और इंडीविजुअल (व्यक्ति) भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार चैतन्य इंडिया फिन क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड, द रैपट्रीटीज को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट बैंक लिमिटेड, यूएई एक्सचेंज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और इंडीविजुअल स्टैटस में पंकज व अन्य ने यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। आपको बता दें कि चैतन्य इंडिया फिन क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड में फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल की बड़ी हिस्सेदारी है। सचिन बंसल ने सितंबर 2019 में इस कंपनी में 739 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
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यूनिवर्सल बैंक लाइसेंस की तरह ही स्मॉल फाइनेंस बैंक के ऑन टैप लाइसेंस के लिए भी भारतीय रिजर्व बैंक के पास चार आवेदन आए हैं। आवेदन करने वालों में कालीकट सिटी सर्विस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दुआरा क्षेत्रीय ग्रामीण फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, वी-सॉफ्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड और इंडीविजुअल स्टैटस में अखिल कुमार गुप्ता के नाम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र में यूनिवर्सल बैंक के लाइसेंस के लिए 1 अगस्त 2016 को और स्मॉल फाइनेंस बैंक के ऑन टैप लाइसेंस के लिए 5 दिसंबर 2019 को गाइडलाइन जारी की थीं। इन गाइडलाइंस के मुताबिक यूनिवर्सल बैंक खोलने के लिए कम से कम 500 करोड़ रुपये की पेड-अप वोटिंग इक्विटी कैपिटल होनी चाहिए। इसके अलावा बैंक की नेटवर्थ हमेशा 500 करोड़ रुपये रहनी चाहिए। इसी तरह स्मॉल फाइनेंस बैंक की स्थापना के लिए पेड-अप वोटिंग कैपिटल और नेटवर्थ 200 करोड़ रुपये होनी चाहिए।
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इस गाइडलाइन में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अगर कोई अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक स्मॉल फाइनेंस बैंक में बदलना चाहता है, तो उसके पास उस वक्त कम से कम 100 करोड़ रुपये की नेटवर्थ होनी चाहिए। साथ ही अगले पांच साल में उस बैंक को अपनी नेटवर्थ बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये करनी होगी।
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक स्मॉल फाइनेंस बैंक की स्थापना के लिए ऑन टैप लाइसेंस देता है। ऑन टैप का मतलब है कि रिजर्व बैंक की ओर से तय गाइडलाइंस को पूरा करने वाली कोई भी इकाई स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस ले सकती है। इसके तहत अतिरिक्त मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
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गाइडलाइन्स में ऑन टैप लाइसेंस लेने के लिए आवेदन करने वाले के पास बैंकिंग या वित्तीय क्षेत्र का पहले से अनुभव होने की बात को बाध्यकारी बनाया गया है।