जौनपुर। सुरेरी थाना अंतर्गत शौच के लिए निकली लापता हो गई वृद्धा का शव 11 दिन बाद खेत खोदकर बरामद किए जाने के मामले का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि खेत से बैगन तोड़ने की मामूली सी बात पर उसे मौत के घाट उतार दिया गया था। हिरासत में लिए गए दोनों आरोपितों का पुलिस ने शुक्रवार को चालान कर दिया। अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया।
सुरेरी थाना क्षेत्र के रामपुर निस्फी गांव की 72 वर्षीय धर्मा देवी दो वर्ष पूर्व पति विष्णु पटेल के देहांत के बाद घर पर अकेली रहती थीं। उनके चारों पुत्र रोजी-रोटी के सिलसिले में अहमदाबाद रहते थे। गत 19 नवंबर की भोर में शौच के लिए निकलीं तो वापस नहीं लौटीं। देरशाम तक न लौटने पर पड़ोसियों ने खोज की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। तब उन्होंने उनके बेटों को सूचना दी। अगले दिन बेटे आ गए। कोई सुराग न मिलने पर 21 नवंबर को थाने पर सूचना दी।
पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया। छानबीन में जुटी पुलिस ने 30 नवंबर को संदेह के दायरे में आए नोनरा गांव के खरपत्तू पाल व निस्फी के महेंद्र पटेल को हिरासत में ले लिया। उनकी निशानदेही पर खरपत्तू पाल के बैगन के खेत में दफनाया गया शव बरामद कर लिया। कयास लगाया जा रहा था कि फसल की सुरक्षा को खेत के चौतरफा लगाए गए बिजली प्रवाहित तार की चपेट में आने से मौत के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए आरोपितों ने शव दफना दिया होगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो हत्या का मामला सामने आया। रिपोर्ट में गला दबाने से मौत और शरीर पर चोट की पुष्टि हुई।
थानाध्यक्ष राज नारायण चौरसिया ने शुक्रवार को थाने में पत्रकारो से बात करते हुए बताया कि पूछताछ में महेंद्र पटेल ने स्वीकार किया कि धर्मा देवी उसके खेत से चोरी से बैगन तोड़ रही थी। रखवाली के लिए वह खेत में सोया था। आंख खुल जाने पर उसने धर्मा देवी को डंडे से मार दिया। वह छटपटाने लगी तो उसने अपने मफलर से गला घोटकर मार डाला। शव भूसे के ढेर में छिपा दिया। रात में शव बगल में स्थित खरपत्तू पाल में रख दिया। 20 नवंबर की सुबह खरपत्तू को खेत में शव होने की सूचना दी। फिर दोनों ने मिलकर शव को दफना दिया। जल्द गलाने के लिए शव पर नमक छिड़क दिया था।