उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में बच्चों के 100 बेड के इंसेफेलाइटिस वार्ड की आईसीयू व हाइ डिपेंडेंसी यूनिट में निरीक्षण किया और उस दौरान उनके चेहरे पर वेंटिलेटर पर जीवन से लड रही बच्चियों की पीड़ा साफ नजर आयी।
यह दोनो बच्चियां बस्ती की अंशिका और देवरिया की सना है जो गंभीर रोग से ग्रस्त है। यह सवाल योगी आदित्यनाथ भर्ती बच्चों व उनके परिजनों से पूछ रहे थे तब उनकी भूमिका मुख्यमंत्री नहीं एक अभिभावक एक बेहद आत्मीय जन की लग रही थी।
कोरोना नियंत्रण को लेकर मंगलवार को गोरखपुर दौरे पर पहुंचे श्री योगी एम्स और जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक आईसीयू का निरीक्षण करने के बाद मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां उन्होंने 100 बेड इंसेफेलाइटिस वार्ड के भवन में आईसीयू वार्ड व हाइ डिपेंडेंसी यूनिट का जायजा लिया और भर्ती बच्चों व उनके परिजनों से बातचीत की। उन्होंने मौजूद मेडिकल स्टाफ को निर्देशित किया कि इन बच्चियों का इलाज गंभीरता से किया जाए।
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मुख्यमंत्री आईसीयू के बाद हाइ डिपेंडेंसी यूनिट पहुंचे। यहां भर्ती सिसवाए महराजगंज की छह साल की मासूम सौम्या को उन्होंने दुलारा। सौम्या ने उन्हें प्रणाम किया तो आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री ने उससे पूछा कैसी हो क्या हुआ है अब कोई परेशानी तो नहीं, मुख्यमंत्री का स्नेह पाकर सौम्या चहक उठी और बोली, अब ठीक हूं महाराज जी।
उन्होंने सौम्या के पिता द्वारिकानाथ से यहां उपलब्ध दवा व भोजन की व्यवस्था के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि सबकुछ समय पर मिलता है।
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मुख्यमंत्री ने बस्ती की रिया मेरठ की कुलसुम, गोरखपुर के अर्पण आदि बच्चों को भी प्यार.दुलार किया और उनके तबियत के बारे में पूछा। मेरठ की कुलसुम के पिता गोरखपुर में नौकरी करते हैं। मुख्यमंत्री से मिलकर ये बच्चे और उनके अभिभावक बेहद खुश थे। परिजनों ने कहा कि हमें तो लगा ही नहीं कि हमारे व हमारे बच्चों के बीच मुख्यमंत्री हैं , ऐसा लगा कि घर का कोई अभिभावक हमारे पास है।