अक्टूबर-नवंबर में पंचक (Panchak) की शुरुआत 31 अक्टूबर, शुक्रवार को रात 09:27 बजे ,4 नवंबर 2025, मंगलवार तक है । इस बार चोर पंचक लगेगा। इसलिए थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। शास्त्रोनुसार शुक्रवार को शुरू होने वाला पंचक को चोर पंचक कहते हैं इसमें शुभ काम नहीं कर सकते हैं। इस दौरान संभलकर रहना चाहिए। इस पंचक में यात्रा करने की मनाही है। इस पंचक (Panchak) में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे करने चाहिए। पंचक मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है।
यह पंचक परेशानी देने वाला होता है। इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए। इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है।
रोग पंचक के कारण आने वाले 5 दिन विशेष रुप से सर्व कष्ट और मानसिक परेशानियों को देने वाले होते हैं। इस पंचक में शुभ कार्यों को सर्वथा त्यागना चाहिए क्योंकि यह हर तरह के शुभ कार्यों में अशुभ माने जाते हैं। ज्योतिष में पंचक अशुभ नक्षत्रों का योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार समय-समय पर ग्रहों और नक्षत्रों की चाल की गणना के आधार पर किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। इसी को शुभ और अशुभ मुहूर्त कहा जाता है। साल 2025 में अक्टूबर नवंबर में कब से कब तक है पंचक का समय।
अक्टूबर में पंचक (Panchak) की शुरूआत कब से
अक्टूबर में शुरुआत: 31 अक्टूबर 2025 से लेकर शुक्रवार,
अक्टूबर पंचक (Panchak) का समापन
समापन: 04 नवंबर 2025 तक लगने वाला पंचक चोर पंचक रहेगा
गरूड़ पुराण में कहा गया है कि यदि पंचक में किसी की मृत्यु होती है तो उसके कुल खानदान में किसी मौत होती है। श्रीराम द्वारा रावण के वध के बाद से पंचक की प्रक्रिया शुरू हुई, ऐसी मान्यता है।
पंचक (Panchak) के दौरान ना करें ये काम
– पंचक (Panchak) में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले किसी योग्य पंडित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यदि ऐसा न हो पाए तो शव के साथ पांच पुतले आटे या कुश (एक प्रकार की घास) से बनाकर अर्थी पर रखना चाहिए और इन पांचों का भी शव की तरह पूर्ण विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए, तो पंचक दोष समाप्त हो जाता है। ऐसा गरुड़ पुराण में लिखा है।
– पंचक (Panchak) में चारपाई बनवाना भी अच्छा नहीं माना जाता। विद्वानों के अनुसार ऐसा करने से कोई बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। पंचक के दौरान जिस समय घनिष्ठा नक्षत्र हो उस समय घास, लकड़ी आदि जलने वाली वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए, इससे आग लगने का भय रहता है।
– पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दक्षिण दिशा, यम की दिशा मानी गई है। इन नक्षत्रों में दक्षिण दिशा की यात्रा करना हानिकारक माना गया है।
– पंचक (Panchak) के दौरान जब रेवती नक्षत्र चल रहा हो, उस समय घर की छत नहीं बनाना चाहिए, ऐसा विद्वानों का कहना है। इससे धन हानि और घर में क्लेश होता है।
– इस पंचक (Panchak) में लेन-देन, व्यापार और किसी भी तरह के सौदे भी नहीं करने चाहिए। मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है
– इस दौरान गृह कार्य का आरंभ नहीं किया जाता है।
– पंचक में गृह निर्माण नहीं किया जाता है।
– गृह प्रवेश पंचक में नहीं होता है।
– मकान का छत ढलाई पंचक में वर्जित होता है।
– इस दौरान बहु बेटियों को मायके ससुराल नहीं भेजा जाता है।
