भोपाल। उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज महाकुंभ-2025 (Maha Kumbh) को भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और उद्यान, कृषि विपणन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने भोपाल में एक भव्य रोडशो का नेतृत्व किया। मंत्रियों ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और मध्य प्रदेश की जनता को महाकुंभ में शामिल होने का आमंत्रण दिया। इस दौरान मंत्रियों ने बताया कि यह महाकुंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भव्य रूप से 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक संगम तट पर आयोजित होगा।
रोडशो के बाद पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मंत्रियों ने बताया कि महाकुंभ (Maha Kumbh) को स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और डिजिटल बनाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं। इस आयोजन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है और तीन लाख पौधे लगाए गए हैं। तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के स्वास्थ्य के लिए परेड ग्राउंड में 100 बेड का अस्पताल और अन्य चिकित्सा सुविधाएं स्थापित की गई हैं। 24 घंटे चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 291 एमबीबीएस और विशेषज्ञ डॉक्टरों, 90 आयुर्वेदिक चिकित्सकों और 182 नर्सिंग स्टाफ की व्यवस्था की गई है।
मंत्रियों ने बताया कि डिजिटल तकनीक का व्यापक उपयोग महाकुंभ की प्रमुख विशेषता होगी। श्रद्धालुओं के लिए 11 भाषाओं में ऐप और एआई चैटबॉट, क्यूआर-आधारित पास, स्वच्छता और टेंटों की आईसीटी निगरानी, बहुभाषीय डिजिटल साइनेज, और गूगल मैप के माध्यम से सभी स्थलों का एकीकरण किया गया है। साथ ही, 101 स्मार्ट पार्किंग स्थलों की व्यवस्था की गई है, जहां प्रतिदिन पांच लाख वाहन पार्क हो सकेंगे।
महाकुम्भ की यादगार निशानी का माध्यम बनेगा एआई चैटबॉट
प्रयागराज में 35 पुराने और 9 नए घाट बनाए गए हैं, और गंगा किनारे मरीन ड्राइव की तर्ज पर 15.25 किलोमीटर लंबे रिवरफ्रंट का निर्माण किया गया है। भीड़ प्रबंधन के लिए अपग्रेडेड कंट्रोल सेंटर और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जाएगी। श्रद्धालुओं की गिनती के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे एट्रिब्यूट-आधारित खोज, आरएफआईडी रिस्टबैंड और मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाएगा।
मंत्रियों ने महाकुंभ (Maha Kumbh) को सामाजिक समरसता और भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रतीक बताते हुए इसे भारत की अनेकता में एकता का द्योतक कहा। प्रदेश सरकार इस आयोजन को विश्व पटल पर अद्वितीय रूप से स्थापित करने और देश-विदेश से अधिक से अधिक लोगों को आमंत्रित करने के लिए प्रयासरत है। भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम में मीडिया, ट्रैवल उद्योग और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।