अयोध्या। रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण को लेकर रामनगरी ही नहीं, देश भर में सक्रियता बढ़ गयी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अयोध्या पहुंचेंगे जहां वे पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन की तैयारियों का जायजा लेंगे।
भूमि पूजन की तिथि तय होने के बाद से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र परिषद ट्रस्ट जहां अति विशिष्ट लोगों तक निमंत्रण भेजने और शिलान्यास की तैयारियों में जुटा हुआ है, वहीं पवित्र नदियों के जल और तीर्थस्थलों की मिट्टी भी अयोध्या लायी जा रही है। इस क्रम में संघ के नागपुर मुख्यालय और दिल्ली के 11 स्थानों की मिट्टी भी अयोध्या भेजी गयी है।
दूसरी ओर श्रीराम जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर की भव्यता पर उठ रहे सवालों पर आखिरकार विराम लग गया है। भक्तों और संतों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर के मॉडल के डिजाइन को नए सिरे से अंतिम रूप दे दिया गया है, जिस पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी अंतिम मुहर लगा दी है। नए लेआउट के तहत मंदिर पहले अधिक भव्य बनेगा। इसमें पांच नहीं, बल्कि छह शिखर होंगे। भक्तों की भारी से भारी भीड़ प्रभु के चरणों में रम सके, इसलिए परकोटा भी करीब पांच एकड़ में फैला रहेगा।
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गौरतलब है कि भूमि पूजन के लिए कोरोना के बावजूद खास तैयारियां की गई हैं। मठ मंदिरों में अनुष्ठान होंगे तो घर-घर दीप जलाकर खुशियां मनाई जाएंगी। दूसरी तरफ सरयू आरती में भी उत्साह दिखेगा। सरयू की महाआरती को भव्य बनाने की तैयारी है लेकिन कोरोना को ध्यान में रखकर सब कुछ लोग व्यक्तिगत करेंगे, कहीं सामूहिक आयोजन नहीं होगा। पांच अगस्त को मंदिर निर्माण की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रखी जाएगी। इस शुभ दिन को अयोध्यावासी उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी में जुट गए हैं। तपस्वी छावनी के महंत परमहंस ने बताया कि मंदिर में दीपक तो जलाएंगे ही, सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी के प्रति कृतज्ञता भी प्रकट करेंगे।
अयोध्या में राममंदिर के भूमि पूजन को लेकर मुस्लिम समाज भी उत्साहित है। मुस्लिम समाज का कहना है कि मोदी के अयोध्या आगमन से अयोध्या के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। मुस्लिमों ने कहा है कि मोदी अयोध्या में राममंदिर के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज व इंजीनियरिंग कॉलेज की भी आधारशिला रखें ताकि सर्व समाज के युवाओं को रोजगार मिल सके। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र परिषद ट्रस्ट ने मंदिर की भव्यता में वृद्धि की संभावनाएं तलाशने के लिए ट्रस्ट ने मंदिर के मुख्य शिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा को जिम्मा सौंप दिया गया। चंद्रकांत ने अपने दो वास्तुविद पुत्रों आशीष एवं निखिल सोमपुरा को इस काम में लगाया।
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खुद भी उनके करीब दो माह की मेहनत के बाद आकार में समुचित वृद्धि के साथ प्रस्तावित मंदिर का संशेधित ब्लूप्रिंट तैयार किया। यह ब्लूप्रिंट गत शनिवार को स्थानीय सर्किट हाउस में हुई तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में न केवल प्रस्तुत किया गया, बल्कि उस पर अंतिम मुहर भी लग चुकी है।
बाबरी मस्जिद के पक्षकार रह चुके इकबाल अंसारी ने राममंदिर निर्माण को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। इकबाल अंसारी का कहना है कि अयोध्या बहुत शुद्ध है। राममंदिर निर्माण के लिए पीएम के अयोध्या आने से अयोध्या का विकास होगा व रोजगार बढ़ेगा।
कांग्रेस के जिला महासचिव मोहम्मद आफाक उर्फ गोलू ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अयोध्या आगमन ठीक है। हम उनसे उम्मीद करते हैं कि वे राममंदिर भूमि पूजन के साथ ही अयोध्या में सर्व समाज व सभी युवाओं के उत्थान हेतु रामनगरी अयोध्या में ही मेडिकल कॉलेज व इंजीनियरिंग कॉलेज की भी आधारशिला रखें ताकि युवा तकनीकी जानकारी व डिग्री लेकर देश के विकास उत्थान व उन्नति में अहम भूमिका निभा सकें। अयोध्या को अब विवाद नहीं बल्कि विकास की जरूरत है।
श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की तैयारियों के बीच विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने दिल्ली के 11 पवित्र स्थानों की मिट्टी पीतल के कलशों में भर कर शुक्रवार को अयोध्या भेजी।
विहिप के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार एवं दिल्ली प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मिट्टी से भरे पीतल के कलशों को अयोध्या के लिए रवाना किया।
आलोक कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि पांच अगस्त को भूमि पूजन के साथ बहु प्रतीक्षित मंदिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। मंदिर की नींव में डालने के लिए देशभर की नदियों का जल और पवित्र स्थानों की मिट्टी को अयोध्या भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विहिप की दिल्ली प्रांत इकाई ने इस पवित्र मिट्टी को इकट्ठा किया है।
इन पवित्र स्थानों में सिद्ध पीठ कालकाजी , पुराना किला स्थित प्राचीन पांडव कालीन भैरव मंदिर, चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारा शीशगंज, गौरी शंकर मंदिर, श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर, कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर, प्राचीन शिव नवग्रह मंदिर, प्राचीन काली माता मंदिर, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर बिरला मंदिर, मंदिर मार्ग स्थित भगवान वाल्मीकि मंदिर , करोल बाग स्थित बद्री भगत झंडेवालान मंदिर शामिल हैं।
विहिप के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय से मिट्टी को अयोध्या भेजा गया है। विश्व हिंदू परिषद के विदर्भ प्रांत प्रमुख गोविंद शिंदे ने बताया कि नागपुर के पास रामटेक में एक मंदिर की मिट्टी और पांच नदियों के संगम के पानी को भी आगामी समारोह के लिए भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले फैसला हुआ था कि धार्मिक स्थलों सहित देश के विभिन्न भागों की मिट्टी और पानी को संग्रहित किया जाएगा और मार्च में राम मंदिर के भूमि भूजन के लिए हजारों लोग जाते। हालांकि , कोविड-19 महामारी के कारण ऐसा नहीं हो पाया।