पठानकोट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (pm modi) ने बुधवार को कांग्रेस पर सिख समुदाय की भावनाओं को कुचलने का आरोप लगाते हुये कहा कि वे पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। कांग्रेस पार्टी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि सीमा पर जब भारत के जांबाज अपना शौर्य दिखाते हैं, तो विपक्षी पार्टी के नेता वही बोलते हैं जो पाकिस्तान में बोला जाता है। इस चुनाव में जनता को ‘एक परिवार’ के रिमोट से चलने वाली चन्नी सरकार की विदाई करनी है।
पठानकोट में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (pm modi) ने कांग्रेस पर लगातार हमला जारी रखा। प्रधानमंत्री मोदी (pm modi) ने कहा कि सेना के शौर्य पर सवाल उठाना और शहीदों की शहादत पर कीचड़ उछालना कांग्रेस का स्वभाव रहा है। 14 फरवरी को पुलवामा हमले की बरसी पर भी कांग्रेस अपनी इस आदत से बाज नहीं आयी। वह सेना की बहादुरी का फिर से सबूत मांग रही है।
आगे उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब और देश की शान के खिलाफ तमाम कुकृत्य किए हैं। इसी पठानकोट पर जब पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया था, तब देश उस संवेदनशील मौके पर एकजुट था, उस वक्त भी कांग्रेस पार्टी के नेता क्या कर रहे थे? यह देश ने देखा। मोदी ने कहा कि जब भारत के जांबाज अपना शौर्य दिखाते हैं, तो दूसरी पार्टी के नेता वही बोलते हैं, जो पाकिस्तान से बोला जाता है।
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जनसभा को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने आम आदमी पार्टी (आप) को भी आड़े हाथों लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की करतूतों का साथ देने के लिए अब उन्हें ‘पार्टनर-इन-क्राइम’ भी मिल गया है। दोनों दलों में कितनी समानता है, यह जनता ने देखा। एक ने पंजाब के युवाओं को नशे के जाल में धकेला। दूसरी पार्टी, दिल्ली के युवाओं को शराब का लती बना रही है।
उन्होंने कहा कि जब अयोध्या में राम मंदिर बनता है, तो कांग्रेस-आम आदमी पार्टी दोनों मिलकर विरोध करते हैं। ये वे लोग हैं, जिन्होंने राममंदिर के निर्माण को रोकने के लिए भरपूर ताकत लगा दी थी। काशी विश्वनाथ धाम बना, तो उस पुण्य कार्य का भी उन लोगों ने विरोध ही किया।
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मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस पार्टी को जमकर खरी-खोटी सुनायी। उन्होंने कहा कि जब देश का विभाजन हो रहा था, तब कांग्रेस के लोगों को इतनी भी बात समझ नहीं आई कि सीमा से छह किमी दूरी पर स्थित गुरुनानक देव जी की तपोभूमि को भारत में रखा जाए।
वे यहीं नहीं रुके। आगे कहा कि 1965 की लड़ाई में भारत की सेना लाहौर में झंडा फहराने की ताकत के साथ आगे बढ़ रही थी। यदि उस वक्त दो कदम आगे बढ़ जाते तो आज गुरुनानक देव जी की तपोभूमि हमारे पास होती। किंतु, कांग्रेस ने इस तरह दूसरा मौका भी गंवा दिया।
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बांग्लादेश युद्ध की चर्चा करते हुये प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उस लड़ाई में 90,000 पाकिस्तान के सैनिकों ने हिन्दुस्तान की सेना के सामने घुटने टेके थे। तब दिल्ली में बैठी सरकार पाकिस्तान को दो टूक कह देती कि वे सैनिक तुम्हें तब मिलेंगे, जब हमें गुरुनानक देव जी की तपोभूमि वापस मिलेगी, तो बात बन सकती थी। किंतु, ऐसा न कर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने तीन-तीन मौके गंवाए। ऐसा कर उसने सिख समुदाय की भावनाओं को कुचलने का पाप किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा एक समर्पित दल है और विकास की जिम्मेदारी के साथ ही उसे अपनी विरासत पर भी गर्व है। हम गुरुओं के प्रकाश पर्व को पूरी आस्था से सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में मनाते हैं। भारत की इस विरासत से पूरी दुनिया का परिचय कराते हैं।
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उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि आने वाले 20 फरवरी को पंजाब की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को सूबे में शांति एवं अमन के लिए वोट देना है। हम पंजाब को पंजाबियत की नजर से देखते हैं, हमारे विरोधी पंजाब को सियासत के चश्मे से देखते हैं।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमले की धार को तेज करते हुए कहा कि भाजपा सिख दंगों के आरोपियों को सजा दिलवाती है और कांग्रेस इसके उलट उन्हें अपनी पार्टी में बड़ा ओहदा देती है।
प्रधानमंत्री ने पंजाब के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा तैयार रूपरेखा का जिक्र करते हुए कहा कि इस बजट में हमने बहुत महत्वपूर्ण निर्णय किया है, जिसका बड़ा लाभ पंजाब के सीमावर्ती गांवों को मिलने वाला है। केंद्र सरकार ने बजट में प्रावधान किया है कि सीमावर्ती गांवों में वाइब्रेंट विलेज योजना लागू की जाएगी। इसके साथ ही सीमावर्ती गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा, स्किल डेवलपमेंट के लिए काम होगा, पर्यटन का विकास किया जाएगा।
अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने संत रविदास की जयंती पर उन्हें याद करते हुए नमन किया। उन्होंने कहा कि काशी में संत रविदास मंदिर परिसर में हमने बहुत बड़ा भव्य लंगर हॉल श्रद्धालुओं को अर्पित किया है। सबका साथ-सबका विकास, के मंत्र को लेकर चल रही भाजपा सरकार भी संत रविदास जी के शब्दों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ती है।
प्रधानमंत्री ने संत रविदास के एक दोहे, ‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न’ का उल्लेख करते हुए कहा देश-समाज के कल्याण के लिए अपना संकल्प दोहराया