नई दिल्ली| कोरोना महामारी के मद्देनजर अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए रिजर्व बैंक ने दरों में बड़ी कटौती की है। ब्याज दरें घटने से बैंकों की सावधि जमा (एफडी) निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद नहीं रह गई हैं। ऐसे में खासतौर से वरिष्ठ नागरिक जो ब्याज से आय पर निर्भर होते हैं, उनपर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ है।
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फिलहाल एसबीआई की बचत खाते की ब्याज दर 2.7 फीसदी है। एक से दो साल की एफडी पर दरें 5.1 फीसदी हैं। इन हालात में फिक्स्ड इनकम इनवेस्टर्स के लिए अच्छे विकल्पों को तलाश पाना मुश्किल है। अभी कुछ समय और ऐसी स्थिति बनी रह सकती है। ऐसे में डाकघरक की की छोटी बचत स्कीमें लाभदायक साबित हो सकती हैं जिनपर ऊंच ब्याज मिल रहा है।
इसके तहत 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है। डिपॉजिट करने पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। जारी होने की तारीख से परिपक्वता की तारीख तक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को केवल एक बार इसे ट्रांसफर किया जा सकता है।
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किसान विकास पत्र भी घटती ब्याज दरों के बीच एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जाता है। इस पर 6.9 फीसदी की दर से ब्याज प्राप्त होता है। इसके तहत भी निवेश की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। इसे एक से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर भी किया जा सकता है। जारी होने की तारीख से ढाई साल बाद इसे भुना सकते हैं।