Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

अर्थव्यवस्था में जान फूंकने को रिजर्व बैंक ने दरों में की बड़ी कटौती

RBI

आरबीआई

नई दिल्ली| कोरोना महामारी के मद्देनजर अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए रिजर्व बैंक ने दरों में बड़ी कटौती की है। ब्याज दरें घटने से बैंकों की सावधि जमा (एफडी) निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद नहीं रह गई हैं। ऐसे में खासतौर से वरिष्ठ नागरिक जो ब्याज से आय  पर निर्भर होते हैं, उनपर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ है।

कोरोना काल के पांच महीने में 300 से ज्यादा फैक्टरी पर लगा ताला

फिलहाल एसबीआई की बचत खाते की ब्याज दर 2.7 फीसदी है। एक से दो साल की एफडी पर दरें 5.1 फीसदी हैं। इन हालात में फिक्स्ड इनकम इनवेस्टर्स के लिए अच्छे विकल्पों को तलाश पाना मुश्किल है। अभी कुछ समय और ऐसी स्थिति बनी रह सकती है। ऐसे में  डाकघरक की की छोटी बचत स्कीमें लाभदायक साबित हो सकती हैं जिनपर ऊंच ब्याज मिल रहा है।

इसके तहत 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है। डिपॉजिट करने पर इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। जारी होने की तारीख से परिपक्वता की तारीख तक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को केवल एक बार इसे ट्रांसफर किया जा सकता है।

राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू करने की अवधि को मार्च 2021 से आगे बढ़ाने पर विचार

किसान विकास पत्र भी घटती ब्याज दरों के बीच एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जाता है। इस पर 6.9 फीसदी की दर से ब्याज प्राप्त होता है। इसके तहत भी निवेश की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। इसे एक से दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर भी किया जा सकता है। जारी होने की तारीख से ढाई साल बाद इसे भुना सकते हैं।

Exit mobile version