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संस्कारहीन शिक्षा का नतीजा है राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रद्रोह में अंतर नहीं कर पाना : योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में दिये गये बयान पर कटाक्ष करते हुये कहा है कि राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रद्रोह में अंतर नहीं कर पाना संस्कारहीन शिक्षा का परिणाम होता है।

योगी ने शनिवार को यहां मुख्यमंत्री आवास में आयोजित प्राथमिक शिक्षा से जुड़े एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये सपा अध्यक्ष का नाम लिये बिना ही कहा कि संस्कारहीन और शिष्टाचार विहीन शिक्षा देशद्रोहियों और राष्ट्रवादी में फर्क नही कर सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रारंभिक दौर में अभिभावक अगर बच्चों को उचित संस्कार नहीं दे पाते हैं तो उनके लिए देशप्रेमी और देशद्रोही जैसे फर्क करना मुश्किल होता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में अखिलेश ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल और पंडित नेहरू के साथ देश की आजादी में जिन्ना के योगदान का भी जिक्र किया था। भाजपा, कांग्रेस और बसपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने उनके इस बयान की आलोचना करते हुये इसे तुष्टीकरण की राजनीति का परिणाम बताया था।

इस दौरान उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग की योजना के तहत प्राथिमक स्कूलों के छात्रों के खाते में डीबीटी व्यवस्था से 19.80 अरब रुपये भेजे जाने की शुरुआत की। इससे छात्रों के अभिभावक गुणवत्तापरक स्कूल ड्रेस, जूते-मोजे और बैग आदि खरीद सकेंगे। इस व्यवस्था का लाभ स्कूलों में पढ़ रहे 1.80 करोड़ छात्र-छात्राओं को मिलेगा। बाकी बचे 60 लाख छात्रों को भी जल्द ही रकम भेजी जाएगी। इस व्यवस्था के तहत हर छात्र के अभिभावक को 11 सौ रुपये दिए जा रहे हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि डीबीटी तकनीक का प्रयोग करने से विभाग को भ्रष्टाचार के आरोपों से भी मुक्ति मिलेगी। योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने हर विद्यालय को किसी जनप्रतिनिधि द्वारा गोद लेने की व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। जिससे प्राथमिक स्कूल के छात्रों को स्वच्छ पेयजल समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।

इसके तहत अभी तक 1.60 लाख विद्यालयों में से खेल के मैदान और चारदीवारी वाले 1.33 लाख विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अभी तक साढ़े चार वर्षों में हर स्कूली बच्चे को दो यूनीफार्म, बैग और किताबें उपलब्ध कराया गया।

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