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कोरोना काल में चिकित्सकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण : कोविन्द

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के 26वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस समय कोरोना संकट के दौरान चिकित्सकों की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है।

दीक्षांत समारोह में उपाधि पाये नये चिकित्सकों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे रोगियों विशेषकर गरीब मरीजों की सेवा पूरी तन्मयता से करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में चिकित्सकों का रोल अहम रहा है। एसजीपीजीआई की लैबोरेटरी ने 30 जिलों के 20 लाख से अधिक लोगों की आरटीपीसीआर जांच की। उन्होंने कहा कि कोविड से जंग अभी जारी है। मास्क और शारीरिक दूरी इससे बचाव है। वैक्सीनेशन सबसे बेहतर बचाव होगा। उन्होंने कहा कि उप्र में 6.70 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। अभी इसे और आगे बढ़ाना है।

एसजीपीजीआई की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दशक से भी कम समय में इस संस्थान ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अपनी धाक जमाई है। मेडिकल कैटेगरी में एनआईआरएफ रैंकिंग में पांचवां स्थान पाना इस संस्थान की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन में यह संस्थान पायनियर रहा है। रिसर्च के अलावा मरीजों के इलाज में भी संस्थान का अहम योगदान है। राष्ट्रपति ने डाक्टरों के लिए कहा कि वे देवदूत से कम नहीं हैं। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने योग पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में योग के माध्यम में पूरी दुनिया में लोगों ने अपनी इम्यूनिटी बढ़ाई।

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इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उपाधि प्राप्त चिकित्सकों का आवाहन किया कि वे मानवीय संवेदनाओं जैसे गुणों को अपने में समाहित करें। उन्होंने कहा कि मानवता के प्रति संवेदनशीलता का भाव ही डाक्टरों को सामाजिक उत्तरदायित्व का बोध कराएगा। राज्यपाल ने कहा कि चिकित्सक अपने सेवा भाव से मरीजों का विश्वास जीतें, गरीब व निर्धन लोगों की विशेष सेवा करें।

दीक्षांत समारोह में संस्थान के 116 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें डीएम कोर्स के 40, एमसीएच के 18, पीडीएएफ के 10, एमडी के 33, पीएचडी के दो, एमएचए के पांच और बीएससी नर्सिंग के आठ विद्यार्थी शामिल रहे।

इसके अलावा शोध और अन्य उपलब्धियों के लिए प्रो. गौरव अग्रवाल, डॉ. शीतांगसू काकोटी, डॉ. पंक्ति मेहता और डॉ. संगम रजक को शोध व अन्य उपलब्धियों के लिए मेडल देकर सम्मानित किया गया।

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पूर्व में प्रदेश के मुख्य सचिव और एसजीपीजीआई के अध्यक्ष आरके तिवारी ने सभी का स्वागत किया। निदेशक प्रो. आरके धीमान ने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।

समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप कुमार और प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी समेत तमााम लोग उपस्थित रहे।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज लखनऊ के कैप्टन मनोज पांडेय सैनिक स्कूल के हीरक जयंती समारोह में भी शामिल हुए थे। शनिवार को वह गोरखपुर और रविवार को अयोध्या में रहेंगे।

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