दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र में शुक्रवार को पत्ते शाह दरगाह (Patte Shah Dargah) परिसर में एक कमरे की छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। हादसे के समय 15–16 लोग कमरे में मौजूद थे, जो मलबे के नीचे दब गए। चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी।
फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। मलबे से लोगों को निकालकर एम्स ट्रॉमा सेंटर और RML अस्पताल भेजा गया। डॉक्टरों ने पांच लोगों को मृत घोषित किया, जिनमें तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। बाकी 10 घायलों का इलाज जारी है।
भारी बारिश से जर्जर हुई छत
स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण छत कमजोर हो गई थी। करीब 25–30 साल पुरानी यह छत बारिश के दौरान भरभराकर गिर पड़ी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह हिस्सा जायरीन के बैठने के लिए बने कमरों का था।
NDRF और स्निफर डॉग की मदद से रेस्क्यू
भारी मलबे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आईं, जिसके बाद NDRF को बुलाया गया। टीम अपने स्निफर डॉग के साथ मौके पर पहुंची और दबे लोगों को ढूंढकर बाहर निकाला। सभी को तुरंत अस्पताल भेजा गया।
दिल्ली के डिविजनल फायर ऑफिसर मुकेश वर्मा ने बताया कि मलबे में फंसे सभी लोगों को निकाल लिया गया है। हादसे में पांच लोगों की मौत हुई है और 10 घायल हैं। आम आदमी पार्टी के पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पार्षद सारिका चौधरी मौके पर मौजूद हैं और हर संभव मदद कर रही हैं।
जांच के बाद ही हादसे के असली कारण का पता चल सकेगा, हालांकि प्राथमिक जांच में बारिश और छत की जर्जर स्थिति को कारण माना जा रहा है।