एसटीएफ ने तीन मार्च को सहरानपुर में ‘को ऑपरेटिव लिमिटेड कंपनी’ में छापेमारी की थी। यहां से निकाली जा रही अवैध शराब जिसमें एक करोड़ की एक्साइज ड्यूटी टैक्स चोरी का भंडाफोड़ कर कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में शुक्रवार को एटीएस ने कंपनी के सेल्स हेड को लखनऊ के चिनहट से गिरफ्तार किया है। उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
एसटीएफ ने बताया कि पकड़ा गया अभियुक्त अश्विनी कुमार उपाध्याय मूलरूप से गाजीपुर के मछली पट्टी निवासी है। पूछताछ में उसने अपना जुर्म स्वीकारते हुए बताया कि वह को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर का सेल्स हेड एवं इस कम्पनी के मालिक प्रणय अनेजा के ही फाइनेन्स कम्पनी स्टैलर कम्पनी प्राइवेट लिमिटेड का भी लाइजनिंग आफिसर है। फैक्टरी से सीएल-2 गोदामों पर शबनम अंगूरी ब्राण्ड की देशी शराब भिजवाने एवं उसका पेमेंट कम्पनी के खाते में कराने एवं कम्पनी के अन्य कागजी कार्यवाही को पूरा कराने की जिम्मेदारी उसकी रहती थी।
टपरी को-ऑपरेटिव फैक्टरी में नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से ट्रांसपोर्ट के ट्रकों के माध्यम से नजदीक के डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट पर दो दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर और उन्नाव और कानपुर के डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट पर चार दिन के एक गेटपास पर दो चक्कर लगाकर एक ही बिल्टी पर एक्साइज टैक्स की बड़ी चोरी की घटना अंजाम दी जाती थी। फैक्टरी से गाड़ी की निकासी के दौरान फैक्टरी के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा फैक्ट्री के सीसीटीवी कैमरे को बंद कर दिया जाता था व ट्रांसपोर्ट कम्पनी के ट्रक ड्राईवरों द्वारा ट्रक में लगे जीपीएस को भी ऑफ कर दिया जाता है, जिसके कारण गाड़ियों के फेरों की जीपीएस लोकेशन लॉग नही होती थी। इस समस्त कार्य में को-ऑपरेटिव कम्पनी टपरी सहारनपुर के मालिक और अधिकारियों की पूरी मिलीभगत होती थी।
साथ ही यह भी बताया कि सीएल-दो गोदाम कानपुर व उन्नाव का काम देखने वाले मनोज जायसवाल, बदायू एवं सम्भल का काम देखने वाले राकेश आहुजा एवं सीएल-दो गोदाम जौनपुर का काम देखने वाले प्रदीप जायसवाल एवं फैक्ट्री के मालिक प्रणय अनेजा की आपस में गोपनीय मीटिंग होने के बाद प्रणय अनेजा (फैक्टरी मालिक) के निर्देशन में एक ही बिल्टी पर दो बार शराब लदी गाड़ी (एक बार वैध एवं एक बार अवैध रूप से) निकालने का काम प्रारम्भ किया गया, जिसमें एक्साइज विभाग के अधिकारियों को प्रति पेटी पांच रुपये (प्रत्येक गाड़ी से 1500 पेटी शराब की सप्लाई होती थी) की दर से प्रत्येक गाड़ी पर सात लाख पचास हजार रुपये दिये जाते थे।
गिरफ्तार अभियुक्त ने यह भी बताया कि उक्त प्रकरण में को-ऑपरेटिव कम्पनी के अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो जाने के बाद वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थान बदल-बदल कर छिपकर रह रहा था। इस वक्त वह अपने बहनोई चिनहट के किसान पथ स्थित फार्म हाउस में छिपकर रहा था। आज किसी काम से बाहर निकलने पर उसे एसटीएफ ने धर दबोचा।