राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि जिस समाज में प्रतिभाओं को पर्याप्त अवसर मिलते हैं, वही समाज तेजी से आगे बढ़ता है और नया इतिहास गढ़ता है।
श्री मिश्र ने संस्कृति युवा संस्था द्वारा आयोजित राजस्थान गौरव अलंकरण समारोह में रविवार को यहां राजभवन से वर्चुअल सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति के गौरव को बचाए रखने की जिम्मेदारी युवाओं पर है। उन्होंने प्रतिभाओं का पोषण करके उन्हें प्रोत्साहन देने का आह्वान किया ताकि आने वाली पीढ़ी उनका अनुकरण करके भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्राप्त कर सके।
उन्होंने गौ, गंगा, गीता और गायत्री को भारतीय संस्कृति के प्रमुख स्तम्भ बताते हुए कहा कि गौसेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है, गंगा हमें सभी विकारों से दूर रहकर जीवन जीने का संदेश देती है, गीता से बड़ा कर्म का कोई संदेश नहीं है और गायत्री मंत्र जीवन के उजास का संवाहक है। उन्होंने कहा कि इन्हीं चार प्रमुख स्तम्भों पर भारतीय संस्कृति अब भी शाश्वत टिकी हुई है।
हमारी सरकार अयोध्या को विश्व स्तरीय शहर बनाएगी : सीएम योगी
श्री मिश्र ने कहा कि राजस्थान का गौरवमयी इतिहास, किले और महल, स्थापत्य सौंदर्य, शिल्प, मेले और त्योहार उत्सवधर्मिता का अनूठा उजास लिए हैं। यहां की कला, साहित्य और सांस्कृतिक पृष्ठ भूमि विश्व भर में अपनी अलग पहचान रखती है। उन्होंने इस अवसर पर राजस्थान गौरव अलंकरण से सम्मानित प्रतिभाओं को बधाई एवं शुभकामना भी दी।
कार्यक्रम के आरम्भ में श्री मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया। इस अवसर पर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति गोवर्धन लाल बाढ़धार, संस्कृति युवा संस्था के संरक्षक एच.सी. गणेशिया, कार्यकारी अध्यक्ष चित्रा गोयल सहित प्रबुद्धजन उपस्थित थे।