धर्म डेस्क। आचार्य चाणक्य बहुत तीक्ष्ण बुद्धि के थे। उन्हें हर विषय की अच्छी समझ थी। चाणक्य ने अपनी नीतियों में लोगों को सफल जीवन जीने के बारे में कई बातें बताई हैं। इन बातों के सार को समझ कर जो व्यक्ति अपने अंदर आत्मसात कर लेता है, और अपने जीवन में इन बातों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ता है, वह अवश्य सफलता प्राप्त करता है। जानते हैं सफलता के लिए चाणक्य की किन नीतियों को ध्यान में रखना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को जीवन में अनुशासन का होना बहुत आवश्यक होता है, जो व्यक्ति अनुशासन का पालन करता है, वह हर कार्य में सफल होता है। बिना अनुशासन के कोई भी कार्य समय पर पूरा नहीं होता है। इसलिए जो लोग अनुशासन का पालन नहीं करते हैं, वे सफलता बहुत देर से प्राप्त करते हैं।
चाणक्य कहते हैं कि डर को अपने ऊपर हावी मत होने दो जैसे ही डर आपके पास आए उस पर आक्रमण करके उसे नष्ट कर दो। क्योंकि किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए जोखिम भरे निर्णय लेना आवश्यक होता है। वही व्यक्ति सफल होता है जो जोखिम भरे निर्णय लेने से नहीं डरता है।
चाणक्य के अनुसार किसी भी कार्य को करने से पहले अपने आप से तीन प्रश्न करों कि मैं ये कार्य क्यों कर रहा हूं, क्या इस कार्य को पूरा कर पाऊंगा, इस कार्य का परिणाम क्या होगा। इन प्रश्नों का संतुष्टिपूर्ण उत्तर मिलने के बाद ही कार्य को आरंभ करें।
किसी भी कार्य को करने के लिए करने के लिए योजना बनाना आवश्यक होता है, इसलिए हर कार्य को शुरु करने से पहले उसकी योजना बनाओं। क्योंकि योजना के साथ किया गया कार्य बिना किसी बाधा के पूरा हो जाता है,लेकिन जिस कार्य को आप ऐसे ही बिना किसी योजना के आरंभ कर देते हैं, उस कार्य को करने में बहुत सी बाधाएं आती हैं, और कार्य पूर्ण होने में परेशानी होती है।