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किसान महापंचायत की सफलता ने साबित किया, यूपी में तय है बदलाव : संजय सिंह

sanjay singh

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में महापंचायत की सफलता से गदगद आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रभारी एवं सांसद संजय सिंह ने दावा किया है कि महापंचायत की सफलता ने यह साबित किया है कि प्रदेश में बदलाव तय है। किसान हो या नौजवान, हर कोई प्रदेश से योगी और केंद्र से मोदी सरकार को हटाने के लिए कमर कस चुका है।

श्री सिंह ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की महापंचायत ने किसानों समेत आप कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है। तीनों काले कानून वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलित किसानों की आवाज में आवाज मिलाने आए केजरीवाल को सुनने के लिए प्रदेश के कोने-कोने से लोग पहुंचे।

अंग्रेजों से भी ज्यादा जनता का उत्पीड़न करने पर उतारू सरकार के खिलाफ पूरा प्रदेश केजरीवाल के नेतृत्व में एकजुट हो चुका है। संजय सिंह ने महापंचायत में आने वाले सभी खाप पंचायत नेताओं और हजारों की संख्या में आये सभी किसानों का आभार जातया।

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उन्होने कहा “ योगी सरकार के 4 साल में गन्ने का मूल्य एक रुपये भी नहीं बढ़ा और मोदी जी किसानों की आय दोगुनी करने की बातें करते हैं। इस बीच पेट्रोल-डीजल के दाम कहां से कहां पहुंच चुके हैं, लेकिन किसानों के गन्ने की कीमत नहीं बढ़ सकी। किसान परेशान हैं। ऊपर से सरकार उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज करके और परेशान कर रही है। जिन तीनों काले कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलित हैं वो सिर्फ उनके लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए काला कानून है। इसमें की गई कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की व्यवस्था से किसान अपने खेत में ही गुलाम बनकर रह जाएगा। असीमित भंडारण की व्यवस्था के प्राविधान से बड़े व्यापारी किसानों की उपज सस्ती कीमत पर खरीद कर बाद में महंगे दामों पर बेचेंगे। इससे महंगाई और बढ़ेगी। ”

राज्यसभा सांसद ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन देश हित में है। आम आदमी पार्टी तन-मन-धन से किसानों की लड़ाई लड़ रही है। अरविंद केजरीवाल ने सिंघु बॉर्डर हो, टिकरी बॉर्डर हो या गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराने से लेकर उनके लिए पानी, शौचालय, भोजन आदि की व्यवस्था में जो भी बन सका किया। हम लोगों ने संसद में तीनों काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई, मगर यह सरकार हमें सुनने के लिए तैयार नहीं है। इस आंदोलन में अब तक 200 किसान शहीद हो चुके हैं और हरियाणा के कृषि मंत्री किसानों की शहादत पर मजाक उड़ाते हैं, हंसते हैं। यह बेहद शर्म की बात है। यह भारतीय जनता पार्टी की सोच और मानसिकता का परिचय देता है।

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