उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई। CJI की बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार की जांच पर नाखुशी जताते हुए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने UP सरकार के वकील हरीश साल्वे से पूछा कि हत्या का मामला दर्ज होने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई है? ऐसा करके आप क्या संदेश देना चाहते हैं?
कोर्ट ने पूछा- क्या आप देश में किसी भी दूसरे मर्डर केस के आरोपी को इसी तरह का ट्रीटमेंट देते। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत के मामले में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मुख्य आरोपी हैं।
उन्होंने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया है कि क्या हत्या के आरोपियों को पुलिस नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाती है? सीजेआई ने पूछा है कि अब तक हत्यारोपित को हिरासत में किस आधार पर नहीं लिया गया?
कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली के घाव नहीं दिखे, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया था। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से दो कारतूस बरामद हुए हैं। इससे लगता है कि आरोपी का निशाना कुछ और था।
लखीमपुर खीरी कांड का आरोपी आशीष मिश्रा बदल रहा है अपनी लोकेशन, तलाश जारी
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो वकीलों की चिट्ठियों को नोटिस में लेते हुए गुरुवार को यूपी सरकार से पूछा कि इस घटना में कितने किसान मारे गए? कितने राजनीतिक लोगों और पत्रकारों की मौत हुई? किन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया और किन-किन लोगों की गिरफ्तारी हुई? यूपी सरकार को आज इन सवालों का जवाब देना है, फिर मामले में सुनवाई होगी।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि वह लखीमपुर खीरी मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अब तक लिए गए स्टेप्स से संतुष्ट नहीं है। साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट यह बताए कि कौन सी एजेंसी इस मामले की जांच कर सकती है। कोर्ट ने राज्य के DGP को भी निर्देश दिए कि नई एजेंसी की जांच शुरू होने तक सबूतों से छेड़छाड़ न हो, इस बात का ध्यान रखा जाए।
अब सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद उनकी गिरफ्तारी का दबाव बढ़ गया है। यूपी पुलिस ने गुरुवार शाम आशीष के घर नोटिस चिपका कर शुक्रवार को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। इससे पहले पुलिस ने दो आरोपियों लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया, वहीं, तीन लोगों से पूछताछ की जा रही है।
इधर, लखनऊ आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि आशीष मिश्रा कहां है, ये पता नहीं है। वहीं, आशीष पांडेय और लवकुश पर आरोप है कि वे किसानों को टक्कर मारने वाली थार जीप के पीछे चल रही गाड़ी में थे। दूसरी ओर, यूपी सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच आयोग बनाया है।