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किशोरी को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने के आरोपी को कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा

उन्नाव के पुरवा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में सात साल पहले चोरी के दौरान किशोरी पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने वाले को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।

सैदवाड़ा निवासी अकरम के घर में 7 सितंबर 2013 को उसकी बेटी नेहा की जलाकर हत्या कर दी गई थी। अकरम उस समय विदेश में था। उसकी पत्नी यासमीन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

आरोप था सात सिंतबर को वह मायके गई थी। छोटा बेटा साहिल स्कूल गया था। बड़ी बेटी नेहा व बेटा राशिद घर पर थे। दोपहर दो बजे जिंदवावाड़ी निवासी आरोपी दिलशाद उर्फ छोटू व इमरान खां चोरी के इरादे से उसके घर पहुंचे। बेटे राशिद को जबरन घर से कहीं दूर छोड़ आए। वापस लौटने पर बेटी नेहा ने दोनों को पहचान लिया। विरोध करने पर उसके हाथ-पैर बांध दिए।

जेवर व रुपये चोरी करने के बाद बेटी को पेट्रोल डालकर जला दिया। बाद में उसे दफन भी करा दिया। बेटी को जलाकर मारने की सूचना पर वह घर पहुंची और विदेश में रह रहे पति को जानकारी दी। पति के लौटने पर 30 दिसंबर 2013 को कोतवाली में चार लोगों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस के कार्रवाई न करने पर न्यायालय की शरण ली।

उच्च न्यायालय ने सीबीसीआईडी से मामले की जांच के आदेश दिए थे। विवेचना में नामजद अभियुक्त इमरान, शीबू एवं रईस की अपराध में संलिप्तता नहीं पाई गई। सीबीसीआईडी ने दिलशाद के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र प्रस्तुत किया था। गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अल्पना सक्सेना की न्यायालय में सुनवाई हुई।

गवाही के समय मुख्य गवाह पक्षद्रोही हो गए थे। अभियोजन की ओर से एडीजीसी क्रिमिनल विनय दीक्षित व सीबीसीआईडी के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी वेद प्रकाश त्रिपाठी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और दलीलों के आधार पर कोर्ट ने दिलशाद उर्फ छोटू को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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