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लखनऊ में धर्मांतरण का घिनौना खेल, 11 साल के हिंदू बच्चे का कर दिया खतना

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी के थाना ठाकुरगंज के न्यू हैदरगंज में धर्मांतरण (Conversion) का अभी तक का सबसे बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 11 साल के हिंदू बच्चे को बेहोश करके उसका खतना कराकर मुस्लिम बना दिया गया। यही नहीं बच्चे की मां की अश्लील फोटो वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया। 11 साल के बच्चे अरनव पांडे ने अपनी पूरी आपबीती पिता को बताई। जिसके बाद पिता ने पुलिस में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।

मामला लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के न्यू हैदरगंज इलाके का है। पीड़ित अंकित पांडे अपनी पत्नी प्रियंका पांडे और बेटा अरनव पांडे के साथ पिछले 11 सालों से किराए के मकान में रह रहे हैं। अंकित सोने-चांदी की दुकान पर काम करते हैं। अंकित पांडे ने बताया कि लगभग 3 महीना पहले जब वह अपने बेटे अरनव को नहला रहे थे तब उन्होंने देखा कि उनके बच्चे का खतना हो गया है। पत्नी से पूछा तो उसने कहा कि हमने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है। मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती। बेटे का भी खतना करवा दिया है। यह सुनकर अंकित के पैरों तले जमीन खिसक गई।

जानकारी करने पर मोहल्ले वालों से पता चला की मंसूर हसन सैफी नाम का व्यक्ति अंकित के घर से चले जाने के बाद रोज उसके घर पर आता था। यह सब जानने के बाद अंकित और उसकी पत्नी में झगड़े होने लगे। क्योंकि पत्नी प्रियंका प्रेग्नेंट थी, इसलिए अंकित ने यह बात आगे नहीं बढ़ाई। पत्नी की दोबारा डिलीवरी के बाद चार दिन के बेटे की मौत भी हो गई। उसके बाद भी पत्नी नहीं मानी। 29 अगस्त को आरोपी मंसूर हसन सैफी पुलिस को लेकर उनके घर आ गया और गालियां देने लगा। आपस में विवाद बढ़ने पर पुलिस ने अंकित पांडे और उसके भाई को पकड़ लिया। इस दौरान मंसूर हसन सैफी पत्नी प्रियंका और बेटे अरनव को वहां से लेकर फरार हो गया।

बेहोश करके किया खतना

11 वर्षीय अरनव ने बताया कि मंसूर हसन सैफी पापा के जाने के बाद रोज घर आता था। घर के अंदर मीट और अंडा बनाता था। मेरी मम्मी और मंसूर हसन मुझे इस बात को लेकर मारते पीटते थे कि अगर पिता से कुछ बताया तो जान से मार देंगे। अरनव ने बताया कि एक दिन मुझे खाने में नशीली दवा मिलाकर मुझे बेहोश कर दिया गया और घर से उठा ले गए। बेहोशी में ही मेरा खतना करवा दिया। जब मुझे होश आया तब देखा कि मेरे साथ गलत हरकत हो चुकी है। मैंने मम्मी को समझाया कि यह सब गलत है। मम्मी ने कहा कि अब तुम्हें यही रहना है, तुम मुसलमान हो गए हो। आरोपी मंसूर हसन सैफी ने दोनों को सआदतगंज स्थित अपने घर में रखा।

बच्चे ने बताई आपबीती

बच्चे ने बताया कि चार दिनों तक वह उस घर में रहा। उससे जबरदस्ती काम करवाते पैर दबवाते थे और बेल्ट से मारते थे। कहते थे चुपचाप इस्लाम कबूल कर लो तो प्यार से रख लेंगे, वरना जान से मार देंगे। मुझे इस्लामिक धार्मिक बातें सिखाते थे। अपनी किताबें पढ़ने को देते थे लेकिन मैं वह किताबें फाड़कर फेंक देता था। बेटे ने बताया कि मंसूर हसन के घर पर उसकी मां और बहन रहती हैं, जिन्होंने मंसूर की हरकत का पूरा समर्थन किया और कहा कि तुमने ठीक काम किया है। एक दिन मौका पाकर मैं वहां से भाग निकला और पैदल ही अपने घर आ गया। अब मैं वापस अपने पिता के पास और अपने धर्म में वापसी करके बहुत खुश हूं। अंकित ने बताया कि वह राजाजीपुरम के सेंट जोसेफ स्कूल में कक्षा 4 का छात्र है।

पीड़ित ने लगाई न्याय की गुहार

पीड़ित पिता अंकित पांडे ने कहा कि पुलिस ने अभी तक उसका मुकदमा भी दर्ज नहीं किया है। सिर्फ थाने की दौड़ लगवा रहे हैं। कोर्ट में जब मैं अपनी पत्नी से मिला और समझाने की कोशिश की तो उसने मुझ पर अपहरण के झूठे आरोप लगा दिए, जिसके तहत पुलिस ने 151 का चालान करके मुझे बंद कर दिया। पत्नी प्रियंका ने अंकित से बताया कि मेरे कुछ फोटो और वीडियो मंसूर हसन के पास हैं, इसलिए अब मैं वापस अपने घर नहीं आ सकती। अंकित पांडे अपने बेटे अरनव पांडे को वापस पाकर खुश तो हैं लेकिन धर्मांतरण (Conversion) के इस बड़े रैकेट और गंदे खेल को उजागर करने और पुलिस से न्याय की गुहार लगाते हुए दर-दर भटक रहे हैं।

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