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भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले मौलाना खादिम हुसैन रिजवी की आवाज हमेशा के लिए खामोश

मौलाना खादिम हुसैन रिजवी Maulana Khadim Hussain Rizvi का निधन

मौलाना खादिम हुसैन रिजवी का निधन

नई दिल्ली। तहरीक-ए-लब्बैक के मुखिया खादिम हुसैन रिजवी के निधन पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शोक जताया है। धार्मिक कट्टरपंथी रिजवी भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलते थे। इसके अलावा पाकिस्तान में अपने प्रदर्शनों से पीएम इमरान खान की नींद उड़ा कर रख दी थी।

रिजवी ने पााकिस्तान के अति-रूढ़िवादी ईशनिंदा कानूनों में सुधारों का विरोध करने के लिए 2015 में टीएलपी की स्थापना की थी। हाल के दिनों में उन्होंने फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शनों का आयोजन भी किया था।

भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले मौलाना खादिम हुसैन रिजवी की आवाज हमेशा के लिए खामोश

टीएलपी के प्रवक्ता पीर एजाज अशरफी ने बताया कि 54 वर्षीय खादिम हुसैन रिजवी की लाहौर के एक अस्पताल में बुखार के चलते मौत हो गई। हालांकि, अधिकारियों ने फायरब्रांड मौलवी की मौत का कारण नहीं बताया।

फ्रांस के खिलाफ किया था जबरदस्त प्रदर्शन हाल के दिनों में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बोलने की आजादी को अधिकार बताते हुए इस्लाम की आलोचना का समर्थन किया था। इसके बाद रिजवी ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में फ्रांस के विरोध में हुए प्रदर्शनों का नेतृत्व किया और देश से फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग की। रिजवी को पाकिस्तान भर में व्यापक रूप से जाना जाता था, विशेष रूप से देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत पंजाब में।

ईशनिंदा कानून में सुधार के खिलाफ रहे मौलाना

खादिम हुसैन रिजवी ने मुमताज कादरी की फांसी का विरोध करने के लिए टीएलपी की स्थापना की थी। दरअसल, कादरी ने पंजाब के गवर्नर की साल 2011 में सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी, क्योंकि उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के कठोर ईशनिंदा कानून में कुछ सुधार होने चाहिए।

ईशनिंदा रूढ़िवादी पाकिस्तान में एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, जहां कानूनों में इस्लाम या इस्लामी प्रतीकों का अपमान करने के लिए किसी को भी मृत्युदंड दिए जाने की अनुमति है।

आसिया बीबी के बरी होने पर इस्लामाबाद में किया था व्यापक प्रदर्शन

रिजवी के नेतृत्व में, टीएलपी और उनके अनुयायियों ने देशभर में हिंसक प्रदर्शन किए। ऐसा ही एक प्रदर्शन साल 2018 में किया गया, जब पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने ईशनिंदा के एक मामले में आसिया बीबी नाम की एक ईसाई महिला को आरोपों से बरी कर दिया था। इसके बाद रिजवी द्वारा आयोजित किए गए प्रदर्शनों के कारण इस्लामाबाद में बंद जैसा माहौल हो गया था।

प्रधानमंत्री इमरान खान ने जताई संवेदना

रिजवी के मौत की खबर सुनते ही उनके अनुयायी लाहौर पहुंचने लगे हैं। पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूर-उल-हक कादरी ने एक बयान में कहा कि रिजवी की मौत से राष्ट्र ने एक महान धार्मिक विद्वान खो दिया। वहीं, प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त की।

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