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………जो बीत गया, वो रीत गया

देहारादून। वर्ष 2012, देश में राजनीतिक-परिवर्तन की सुगबुगाहट थी, अमित शाह (Amit Shah) का नई-दिल्ली के भोगल स्थित फ्लैट। एक शानदार मुलाकात हुई, देश-देशान्तर की चर्चा हुई, बात देश की शीर्ष-अदालतों में हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की प्रतिष्ठा पर आकर समाप्त हुई ।

समय बदला आज  अमित निर्णायक स्थिति में हैं, हिन्दी एवं समस्त भारतीय भाषा संसार अपेक्षा करता है कि ‘वादा पूरा होगा’ । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तब सह-सर कार्यवाह एवम संघ व भाजपा के मध्य समन्वय का कार्य देख रहे पालक अधिकारी सुरेश भाई सोनी तथा विश्व हिन्दू परिषद् के अन्तरराष्ट्रीय महामंत्री (संगठन)  अशोक जी सिंघल इस वार्ता के सूत्रधार थे, बाद में डाक्टर कृष्ण गोपाल एवं वर्तमान में  अरुण इन दायित्वों पर रहे व हैं, हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषा संसार फिर इन क्षणों की प्रतीक्षा कर रहा है

दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र ने हरीश रावत को सौंपा गांधी जी का चरखा   

– चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS Upadhyay) , न्यायविद् ।

-हिन्दी माध्यम से एल -एल.एम. उत्तीर्ण करने वाले प्रथम भारतीय छात्र ।

– नेतृत्व-पुरुष ‘हिन्दी से न्याय’ (Hindi se Nyay) देशव्यापी-अभियान ।

– न्यायिक क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ‘ न्याय-मित्र ‘ (Nyay Mitra) से पुरस्कृत न्यायाधीश ।

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