नई दिल्ली। केंद्र ने हाल ही में नेताजी सुभाष के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने के फैसला लिया है। इसके बाद अब शहीदों के सम्मान में एक और फैसला लिया है। बता दें कि महात्मा गांधी के निधन की तिथि को हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। केंद्र सरकार ने नए आदेश में शहीद दिवस पर देश की आजादी में बलिदान देने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा गया है।
Ministry of Home Affairs writes to the Chief Secretaries of all States/UTs, issuing instructions laid down for observance of Martyrs' Day on 30th January.
Silence should be observed & work & movement stopped for 2 minutes throughout the country at 11 am on 30th. pic.twitter.com/2hYwYXMKSZ
— ANI (@ANI) January 20, 2021
केंद्र सरकार ने शहीद दिवस यानी 30 जनवरी को लेकर इस बार नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस दिन आजादी के लिए बलिदान देने वालों को याद किया जाएगा। केंद्र सरकार के नए आदेश में इस दिन को हर बार की तरह शहीद दिवस के रूप में मनाया जाना तय हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसको लेकर जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस नए आदेश में देश की आजादी में बलिदान देने वालों की याद में 11 बजे से दो मिनट का मौन रखने को कहा गया है। इस दौरान कामकाज और आवाजाही पर रोक रहेगी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 368 पदों पर मांगे आवेदन, ऐसे करें अप्लाई
10.59 पर पहले अलर्ट कर दिया जाएगा
आदेश के मुताबिक, 30 जनवरी को सुबह 11 बजे से दो मिनट का मौन रखा जाएगा। इसके साथ-साथ पूरे देश में उन दो मिनट के लिए कोई कामकाज या आवाजाही नहीं होगी यानि उस दौरान पूरा देश थम जाएगा। जहां जैसी व्यवस्था है, वहां उस तरीके से 10.59 पर अलर्ट कर दिया जाया करेगा। जिन जगहों पर सायरन की व्यवस्था है, वहां सायरन बजाकर मौन की याद दिलाई जाएगी। कुछ जगहों पर आर्मी गन से फायर करके संदेश दिया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि पहले मौन के दौरान कुछ दफ्तरों में कामकाज चलता रहता था, अब इसको सख्ती से लागू करने का आदेश जारी किया गया है।
बता दें कि महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में शाम की प्रार्थना सभा के दौरान गोली मार हत्या कर दी थी। इसके बाद से हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है और बापू को श्रद्धांजलि दी जाती है। इस मौके पर विशेष श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया जाता है।