गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को कहा कि पर्यावरण को संतुलित बनाना हम सभी का मौलिक दायित्व है। सामाजिक समरसता और सामाजिक सद्भाव को बनाये रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है। समाज को विकार मुक्त करना ही ध्येय है।
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से जागरूकता फैलाकर हमें पर्यावरण को संतुलित बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने स्वच्छता विषय पर बोलते हुए कहा कि ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में साफ-सफाई बेहतर होने से बीमारियां दूर होंगी। यह काम भी जागरूकता पर ही निर्भर करता है। इसलिए हमें लोगों को जागरूक करने के साथ पर्यावरण व स्वच्छता पर कार्य करने की आवश्यकता है।
20 मार्च को सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने प्रान्त स्तर के विभिन्न छोटी-छोटी बैठकों को संबोधित करते हुए कार्य विस्तार, कार्यकर्ता विकास, समाजिक सद्भाव, समाजिक समरसता व पर्यावरण विषय पर चर्चा की।
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सरसंघचालक मोहन भागवत ने समाजिक समरसता विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि पूरे समाज मे आपसी भेदभाव को दूर करने का कार्य ही स्वयंसेवक का गुण है। हमें समाज को सभी विकारों से मुक्त कर समरसता भाव वाले सामाजिक परिवेश को तैयार करना है। लंबे समय से समाज-तोड़क संवादों को सामाजिक समरसता से दूर किया जा सकता है।
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उन्होंने समाजिक सदभावना विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि कुछ विकृतियों के कारण समाज का ताना बाना टूटा है। जाति-पाति, विषमता, अस्पृश्यता जैसे समाजिक विकार हमें समाज के साथ मिलकर दूर करना है। समाज का मन बदलना है। समाजिक अहंकार और हीनभाव दोनों समाप्त करने को संकल्पित होना है।
गौरतलब है कि सरसंघचालक मोहन भागवत जी और सरकार्यवाह दत्तात्रेय जी का सम्पूर्ण देश में प्रति वर्ष नियमित प्रवास होता है। इसी क्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत जी का तीन दिवसीय प्रवास गोरक्ष प्रान्त में चल रहा है और वे गोरखपुर स्थित ‘माधव धाम’ में स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।