प्रदेश के अपर मुख्य सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डा नवनीत सहगल ने रविवार को प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि कोविड की जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक किसी प्रकार ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए। वैक्सीन आने के बाद भी मास्क की जरूरत कम नहीं होगी।
इस महामारी में मास्क हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन गया है और कोरोना वायरस को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि खादी के कपड़े से दुनिया का सबसे बड़ा मास्क बनाया जायेगा। हाट एअर बैलून से इसका डिस्प्ले करके यह संदेश दिया जायेगा कि सभी को मिलकर कोरोना से लड़ना है और इसे हराना है।
डा सहगल ने खादी भवन में ओड्रा फाउंडेशन द्वारा आयोजित विश्व के सबसे बड़े मास्क के लिए खादी फैब्रिक हैंडओवर सेरेमनी में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने मास्क तैयार कराने वाले फैशन डिजाइनर मनीष त्रिपाठी को प्रदेश के सभी 75 जिलों से मिले दो-दो मीटर खादी का कपड़ा सौंपा। मनीष त्रिपाठी विश्व का सबसे बड़ा खादी मास्क तैयार कर रहे हैं। इसके लिए वे अलग-अलग राज्यों से फैब्रिक इकठ्ठा कर रहे है। इकठ्ठा किये गये कपड़े से 150 वर्ग मीटर के आकार का मास्क बनाकर विश्व रिकार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में खादी वस्त्र हस्तांतरण सेरेमनी का आयोजन किया गया।
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अपर मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खादी और हथकरघा की समृद्ध विरासत है और भारत की स्वतंत्रता से पहले भी महात्मा गांधी ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग पर विशेष जोर दिया था। स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए खादी को दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
खादी एवं ग्रामोद्योग से प्रदेश के लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी है। उन्होंने कहा कि खादी की लोकप्रियता को और अधिक बढ़ाने के लिए खादी को फैशन से जोड़ा जा रहा है। कोरोना महामारी की स्थिति सामान्य होने पर अगले जनवरी महीने में एक बड़ी खादी वस्त्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा। इसमें रीना ढाका, रितु बेरी, मनीष मल्होत्रा सहित मशहूर फैशन डिजाइनर्स द्वारा तैयार किये खादी वस्त्रों का डिस्प्ले होगा। खादी को बढ़ावा मिलने से वृहद स्तर पर रोजगार का सृजन भी होगा।
इस सहगल ने खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़ी और खादी मास्क बनाने का काम करने वाली महिलाओं को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित भी किया।