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अब कारोबारियों को नहीं होगी जेल, योगी सरकार ने खत्म किए 13 सख्त नियम

CM Yogi

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने उद्योग और व्यापार जगत को राहत देने वाला एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश सुगम व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश-2025’ को मंजूरी दे दी। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए पारित इस अध्यादेश के तहत राज्य में लागू 13 प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक अधिनियमों से लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान हटा दिए गए हैं।

अब छोटे-मोटे उल्लंघनों पर उद्यमियों और व्यापारियों को जेल भेजने की बजाय आर्थिक दंड, चेतावनी या प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम इज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने और प्रदेश को निवेश के लिए सबसे अनुकूल राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

इन मुकदमों में रहता था डर

पहले कई पुराने और जटिल कानूनों में मामूली तकनीकी गलतियों पर भी जेल जाने का प्रावधान था, इससे उद्यमी डर के साए में काम करते थे। फैक्ट्री में रजिस्टर न रखने, दुकान का समय थोड़ा ज्यादा चलाने या बॉयलर का पेपर समय पर अपडेट न करने जैसे मामलों में भी मुकदमे और सजा का डर रहता था। अब इन 13 अधिनियमों में संशोधन कर आपराधिक धाराओं को हटा दिया गया है।

प्रमुख कानूनों में शामिल हैं…

फैक्ट्री अधिनियम
दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम
मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट
बॉयलर अधिनियम
अनुबंध श्रमिक अधिनियम

इनमें से अधिकांश प्रावधान ब्रिटिश काल के हैं, जिन्हें आधुनिक व्यापार की जरूरतों के हिसाब से अपडेट नहीं किया गया था। सरकार का दावा है कि यह कदम 2027 तक यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को गति देगा। पिछले साल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे, लेकिन कई निवेशक कानूनी जटिलताओं से बच रहे थे।

अब डिजिटल कंप्लायंस पोर्टल और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम के साथ यह अध्यादेश निवेशकों को यह भरोसा दिलाएगा कि उत्तर प्रदेश में कारोबार करना सुरक्षित और आसान है।

हालांकि, इस फैसले पर कुछ श्रमिक संगठनों ने चिंता जताई है कि आपराधिक प्रावधान हटने से मजदूरों के हित प्रभावित हो सकते हैं। सरकार ने जवाब दिया है कि मजदूर सुरक्षा के मूल प्रावधान बरकरार हैं, केवल अनावश्यक आपराधिक धाराएं हटाई गई हैं। गंभीर उल्लंघनों (जैसे सुरक्षा मानकों की अनदेखी से होने वाली दुर्घटनाओं) पर अभी भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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