Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

भारतीय अर्थव्यवस्था की गाड़ी का इंजन बनी युवा आबादी

auto sector

यात्री वाहनों की थोक बिक्री

नई दिल्ली। कोरोना महामारी और लॉकडाउन से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की गाड़ी को फिर से दौड़ाने का काम युवा वर्ग (मिलेनियल्स) कर रहे हैं। बीते दो महीने में गाड़ी, घर, इलेक्ट्रॉनिक समेत एफएमसीजी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ाने में युवा आबादी की अहम भूमिका सामने आई है।

बाजार के जानकारों का कहना है कि कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग (समाजिक दूरी) ने पेशेवर युवाओं की जीवन शैली में बड़ा परिवर्तन किया है। इसका फायदा भारतीय बाजार को मिल रहा है। वर्क फ्राम होम कल्चर ने घर को ही ऑफिस बन दिया है। वहीं, सामाजिक दूरी ने सार्वजनिक परिवहन की जगह निजी वाहनों को बढ़ावा दिया है। युवा वर्ग इस बदलाव के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए घर, गाड़ी समेत तमाम जरूरी उत्पादों की खरीदारी कर रहे हैं।

औद्योगिक कर्मचारियों की नई श्रृंखला आने से वेतन में होगी बढ़ोतरी

वाहन डीलरों का कहना है कि कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग ने गाड़ियों की मांग बढ़ाने का काम किया है। मारुति के एक शोरूम में काम करने वाले दुर्गेश गुप्ता ने हिन्दुस्तान बताया कि कोरोना के बाद गाड़ियों की मांग बढ़ी है। इस मांग को बढ़ाने में 25 से 40 साल उम्र के युवा खरीदारों की अहम भूमिका है।

गाड़ियों की मांग बढ़ने के प्रमाण सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) के ताजे आंकड़ों के अनुसार से भी मिला हे। जुलाई-सितंबर 2020 की तिमाही में यात्री वाहनों की बिक्री पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि से 17.02 प्रतिशत बढ़कर 7,26,232 इकाई रही। सितंबर तिमाही के दौरान दोपहिया वाहनों की बिक्री इस वित्त वर्ष में 46,90,565 इकाई रही।

Exit mobile version