नई दिल्ली। जम्मू संभाग आतंकवाद से मुक्ति की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। डोडा को आतंकवाद मुक्त कर दिया है। जल्द किश्तवाड़ को भी किया जाएगा, यहां दो तीन आतंकी ही बचे हैं। कश्मीर संभाग में मौजूदा समय में गिने-चुने आतंकी ही सक्रिय हैं। ज्यादातर शीर्ष कमांडर मारे जा चुके हैं। आने वाले दिनों में इनका भी सफाया कर दिया जाएगा।
ये बातें डीजीपी दिलबाग सिंह ने कही है। डीजीपी ने बताया कि 2001 में सबसे पहले जिला उधमपुर आतंकवाद मुक्त हुआ था। अब 2020 में डोडा को भी आतंकवाद मुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के पेट में हमेशा दर्द रहता है।
जब प्रदेश में अशांति रहती है तो उसे नींद अच्छी आती है। मगर हम ज्यादा देर तक अच्छी नींद में रहने नहीं देंगे। कश्मीर में कितने आतंकी सक्रिय हैं, इस सवाल पर डीजीपी ने कहा कि इसका जवाब संख्या में देना उचित नहीं है।
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संघर्ष विराम का उल्लंघन करने की घटनाओं पर डीजीपी ने कहा कि 2018 की तुलना में 2019 में 70 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है। 2019 के मुकाबले 2020 में 65 फीसदी घटनाएं बढ़ीं। पाकिस्तान गोलाबारी की आड़ में आतंकियों की घुसपैठ की ताक में है लेकिन हमारे सुरक्षाबल सतर्क हैं।
घाटी में राजनेताओं को दोबारा निशाना बनाने पर डीजीपी ने कहा कि यह पहले से होता आ रहा है। दो दिन पहले भी पुलिसकर्मी को निशाना बनाया गया है। पुलिस अपनी लड़ाई लगातार जारी रखेगी। अनुच्छेद 370 हटने के एक वर्ष पूरा होने पर पांच अगस्त को घाटी में हालात खराब होने की आशंका पर डीजीपी ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने दिया जाएगा।
आज भी घाटी में अमन है। पांच अगस्त भी अच्छी तरह से निकलेगा और 15 अगस्त को भी अमन कायम रहेगा। आए दिन कश्मीर में नेताओं, सरपंचों-पंचों को मिलने वाली धमिकयों पर कहा कि यह स्थानीय स्तर पर नहीं दी जाती हैं। इसके लिए विदेश में बैठे हैंडलर्स जिम्मेदार हैं। हाल ही में इस पर भी कार्रवाई हुई है।