उत्तरा प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार घटते दिख रहे हैं लेकिन अब डेंगू ने सर उठा लिया है। राज्य भर में कुछ ही दिनों के भीतर डेंगू के मामले 500 के पार चले गए हैं। मथुरा और फिरोजाबाद से शुरू हुआ ये संकट धीरे धीरे पूरे प्रदेश में पसर रहा है।
एक तरफ, सरकारी मशीनरी ने राज्यभर में मच्छरों के लार्वा के खात्मे का अभियान छेड़ दिया है तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के ज़िम्मेदारों पर अनुशासनात्मक एक्शन भी लिये जा रहे हैं। मिसाल के तौर पर हाल में, फिरोज़ाबाद के सीएमओ का तबादला किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार डेंगू का प्रकोप सिर्फ मथुरा और फिरोज़ाबाद तक ही सीमित नहीं है बल्कि राज्य के दूसरे ज़िले भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। 2 सितम्बर तक की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में डेंगू के 497 मामले सामने आ चुके हैं। मथुरा में 107, फिरोज़ाबाद में 49 डेंगू के मामले सामने आये हैं। इसके अलावा, वाराणसी में 69, लखनऊ में 84, कानपुर में 21, बस्ती में 11 जबकि मेरठ में 10 मामले बताए गए हैं। बाकी के ज़िलों में डेंगू के मामले कम हैं। डर यही है कि डेंगू पूरे राज्य में पैर पसार रहा है।
क्या इससे ज़्यादा है वास्तविक संख्या?
ये सरकारी आंकड़ा है। इसमें दो राय नहीं कि डेंगू के केसों की संख्या इससे कहीं अधिक है क्योंकि डेंगू की जांच प्राइवेट लैब में भी होती है। बहुत से मरीज़ प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनके बारे में एकमुश्त आंकड़ा नहीं है। पिछले दो हफ्तों से जारी इस संकट के कारण मथुरा में 15 जबकि फिरोज़ाबाद में 45 की जान जा चुकी है।
खतरा इसलिए बहुत गंभीर है क्योंकि मृतक मरीज़ों में ज्यादातर 12 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। डेंगू का संकट हर साल आता है लेकिन, पिछले साल इसका जानलेवा प्रकोप देखने को नहीं मिला था। तब कहा गया था कि कोरोना के कारण साफ-सफाई के चलते मच्छर पनप नहीं पाये और हालात काबू में रहे।
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सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी कर रही थी लेकिन, इसी बीच कोरोना से ज्यादा बड़ा संकट डेंगू का हो गया। डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या से दो गुना है। 1 सितम्बर की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस मात्र 250 थे जबकि डेंगू के केस 497 आ गए। हर रोज़ कोरोना के नये मामले 20 के आसपास आ रहे हैं लेकिन, डेंगू के मामले कई गुना ज्यादा हैं।
इन हालात को देखते हुए राज्य भर में मच्छरों का प्रकोप खत्म करने के लिए दवाओं के छिड़काव का अभियान शुरू किया गया है। मथुरा और फिरोज़ाबाद की तरह प्रभावित ज़िलों में तो लोगों के घरों में जाकर जमे पानी में पनप रहे मच्छरों के लार्वा का सफाया किए जाने के आदेश हैं।