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जननी और जन्मभूमि का नहीं होता कोई विकल्प : योगी आदित्यनाथ

भारत की पुरातन परंपरा ही हमें स्वावलंबन और अनुशासन के साथ हमें आगे बढ़ाती है, विश्व में हमें विशिष्ट पहचान दिलाती है। कहते हैं जननी और जन्मभूमि का कोई विकल्प नहीं होता, आज पहली बार मैं भी परौंख गांव में आया हूं। यहां पर राष्ट्रपति की स्मृतियां जुड़ी हुई हैं, उन्हें मैंने भी नजदीक से देखा, जन्मभूमि के प्रति हमारे भी दायित्व हैं।

यह बातें रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ उनके पैतृक गांव परौंख पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही।

उन्‍होंने कहा कि देश के सर्वोच्‍च पद पर आसीन होने के बाद पहली बार राष्ट्रपति के उनके गांव आगमन पर मैं प्रदेश की जनता की ओर से उनका अभिनंदन करता हूं। राष्ट्रपति जी ने यह दायित्व पूरा किया है और अपनी जन्मस्थली को मिलन केंद्र के रुप में दान किया। साथ ही अपने जीवन भर की कमाई को वीरांगना झलकारी बाई इंटर कॉलेज के निर्माण में दान कर दिया। यही वजह है कि आज परौख गांव देश और दुनिया में अपना विशिष्ट स्थान बना रहा है। मैंने पथरी देवी मंदिर के दर्शन भी किए, मंदिर के निर्माण में राष्ट्रपति जी के पिता ने चार धाम की यात्रा से लौटने के बाद योगदान दिया था।

कहाकि उत्तर प्रदेश ने देश को सर्वोच्च पदों पर कई विभूतियां दी हैं, इस समय राष्ट्रपति जी कानपुर देहात के रहने वाले हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी है। सौभाग्य की बात है हमने राष्ट्रपति के गांव के विकास के लिए कुछ योजनाएं बनाई है। मुख्यमंत्री ने कानपुर देहात में मेडिकल कालेज बनवाने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, जांच कराने से पीछे मत भागें और बारी आने पर वैक्सीन जरुर लगवाएं। इस मौके पर सांसद अकबरपुर देवेन्द्र सिंह उर्फ भोले, राज्य मंत्री अजीत सिंह पाल, इटावा सांसद डा. रामशंकर कठेरिया आदि के अलावा अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।

कोरोना से मजबूती से लड़ रहा देश

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनियां की अर्थव्यवस्था अस्तव्यस्त हो गई है। प्रधानमंत्री की अगुवाई में पूरा देश कोरोना से मजबूती से लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बचाव के लिए जागरुक होना जरुरी है। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी ने मंत्र दिया है दो गज की दूरी, मास्क है जरुरी।

उन्होंने कहा कि मास्क किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन से बचाव में सहायक हो सकता है, कोई भी व्यक्ति टेस्ट कराने से भागे ना। गांव में निगरानी समिति के लोग जो कहें उसी के अनुरुप इलाज कराकर दवा जरुर लें। समीप के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर दिखवाएं। वर्तमान में पूरे देश में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चल रहा है। अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरुर लें।

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