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सभी 75 जिलों में 25.74 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध

Surya Pratap Shahi

Surya Pratap Shahi

लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) ने मंगलवार को लोक भवन के मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता कर प्रदेश में उर्वरकों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 75 जिलों में 25 लाख 74 हजार मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। प्रदेश में किसी भी प्रकार की खाद की कमी नहीं है, फिर भी यदि कोई किसान को ऊंचे दामों पर खाद बेच रहा है, तो उसके खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की जा रही है।

कृषि मंत्री (Surya Pratap Shahi) ने बताया कि गत 22 और 23 जून को लखनऊ, सीतापुर समेत कई जिलों में आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इनमें कई खाद विक्रेताओं के रजिस्टर, स्टॉक, रेट बोर्ड और रसीदों की जांच की गई। ओवररेटिंग, टैगिंग और रजिस्टर में गड़बड़ी के मामलों में संबंधित प्रतिष्ठानों को सील कर उनके लाइसेंस निलंबित या निरस्त कर दिए गए हैं। कई स्थानों पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

सीतापुर के जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार से जब पूछा गया कि पिछली बार निरीक्षण कब किया गया तो उन्होंने बताया कि मार्च के बाद से वे निरीक्षण पर नहीं गए। यह बात सुनते ही मंत्री ने उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए और कहा कि स्टाफ और रिटेलर का समय-समय पर निरीक्षण करना अधिकारी का कर्तव्य है।

प्रदेश के सभी अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देशित किया गया कि खाद की बिक्री में पारदर्शिता और निगरानी सुनिश्चित करें। अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों के अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश भी दिए गए।

प्रदेश में उपलब्ध उर्वरकों की स्थिति

यूरिया : 15,71,000 मीट्रिक टन

डीएपी : 2,98,000 मीट्रिक टन

एनपीके : 3,02,000 मीट्रिक टन

पोटाश : 81,000 मीट्रिक टन

एसएसपी : 3,22,000 मीट्रिक टन

छापेमारी में सामने आईं कई अनियमितताएं

लखनऊ के बीकेटी में दो खाद विक्रेताओं के यहां निरीक्षण के दौरान बिक्री रजिस्टर की जांच की गई। मोबाइल पर संपर्क किए गए किसानों ने बताया कि उन्हें महंगे दाम पर खाद बेची गई। उनके बयानों को रिकॉर्ड कर इन विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई और लाइसेंस निरस्त कर दिए गए।

सीतापुर जिले के सिधौली और सांडा में निरीक्षण के दौरान कई दुकानदार ताला लगाकर फरार हो गए, जिनके प्रतिष्ठानों को सील कर दिया गया। इनकी इन्वेंटरी बनाई जा रही है, सैंपल लिए गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

किसानों से मोबाइल पर मिल रही शिकायतों पर एक्शन

कुशीनगर के खड्डा और बलरामपुर के डेरा बाजार के किसानों ने मोबाइल पर शिकायत की कि उन्हें यूरिया, सल्फर और जिंक अधिक दाम पर दी गई। इन मामलों में एफआईआर दर्ज कर, विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।

ओवररेटिंग पर सरकार का कड़ा रुख

कृषि मंत्री (Surya Pratap Shahi) ने स्पष्ट कहा कि किसी भी कंपनी का उर्वरक जबरन किसानों को नहीं दिया जाएगा। कोई भी विक्रेता मुख्य उर्वरक के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि दुकानों पर रेट लिस्ट अवश्य लगाई जाए, रसीद देना अनिवार्य है, और खाद की बिक्री कृषकों की खतौनी के आधार पर ही हो।

सक्रिय रिटेलर्स ही कर सकेंगे खाद की बिक्री

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 1,07,000 रिटेलर लाइसेंस जारी हुए थे, जिनमें से 23,000 से अधिक नॉन-फंक्शनल लाइसेंस पोर्टल से हटा दिए गए हैं। अब सिर्फ सक्रिय रिटेलर ही खाद का व्यवसाय कर सकेंगे।

रासायनिक उर्वरकों के सीमित प्रयोग की योजना

कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उर्वरक का संतुलित उपयोग सिखाया जाए। अत्यधिक रासायनिक खादों से भूमि की उर्वरता पर असर पड़ता है, इसलिए आने वाले समय में इसके प्रयोग को नियंत्रित और वैज्ञानिक पद्धति से किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को समय पर उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। किसी भी तरह की गड़बड़ी, कालाबाजारी या ओवररेटिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खाद की सुलभता, गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार निरंतर सतर्कता और सख्त कार्रवाई के माध्यम से व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर रही है।

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