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पीएम मोदी को मारने की रची थी साजिश, खूंखार माओवादी ने किया खुलासा

गिरफ्तार एक करोड़ के इनामी माओवादी प्रशांत बोस ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश हो या फिर छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी में हमला, हर साजिश का मास्टरमाइंड वह ही है। रविवार को झारखंड पुलिस के डीजीपी नीरज सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी से संबंधित सभी जानकारियां साझा कीं।

झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि प्रशांत बोस ने पूछताछ में जो जानकारियां दी हैं वे एक तरह से महासागर जैसी हैं यानी पुलिस को इतनी जानकारियां मिली हैं कि अगर उस पर काम किया जाए तो पूरे माओवाद का ढांचा ही खत्म किया जा सकता है। प्रशांत से मिली सूचनाओं का विश्लेषण किया जा रहा है।

डीजीपी ने बताया कि प्रशांत बोस भाकपा माओवादी संगठन के जनक की भूमिका में था। पांच दशकों की सक्रियता के कारण बोस पर झारखंड, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, छतीसगढ़ समेत कई राज्यों में केस दर्ज हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश भी रची गई थी, जिसका मास्टरमाइंड प्रशांत ही था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में 30 कांग्रेसी नेताओं की हत्या में उसकी भूमिका थी। पूछताछ करने वाले अधिकारियों के मुताबिक, पुणे में भीमा कोरेगांव हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में प्रशांत बोस की भूमिका थी। एनआईए की चार्जशीट में भी बोस का नाम सामने आया था।

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जानकारी के मुताबिक, इस केस में एनआईए प्रशांत बोस को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। वहीं, छत्तीसगढ़ में साल 2013 में बस्तर प्रभाग के झीरम घाटी में सलवा जुडुम के खिलाफ विद्याचरण शुक्ल, नंदकिशोर पटेल, दिनेश पटेल, महेंद्र करमा समेत 30 कांग्रेसी नेताओं की हत्या की वारदात को अंजाम देने की योजना को प्रशांत बोस ने ही मंजूरी दी थी।

डीजीपी नीरज सिन्हा के अनुसार भाकपा माओवादियों का पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस पांच दशकों से झारखंड, बिहार में माओवादियों का सबसे बड़ा चेहरा रहा है। एमसीसीआई के प्रमुख बनने से लेकर कई राजनीतिक हत्याओं तक में प्रशांत बोस मास्टरमाइंड की भूमिका में था। यही वजह थी कि झारखंड, बिहार, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों की पुलिस को ही नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और एनआईए तक को प्रशांत बोस की तलाश थी। सुनील महतो, रमेश सिंह मुंडा जैसे चर्चित नेताओं की हत्या में वांटेड था।

साल 2007 में जमशेदपुर के तत्कालीन झामुमो सांसद सुनील महतो की हत्या प्रशांत बोस के इशारे पर की गई थी। इसके बाद 9 जुलाई 2008 को बुंडू में तत्कालीन विधायक व पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या प्रशांत बोस ने कराई थी। इस हत्याकांड को कुंदन पाहन के दस्ते ने प्रशांत बोस के इशारे पर अंजाम दिया था। हत्याकांड में एनआईए को प्रशांत बोस की तलाश थी। इस केस में एनआईए ने प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी समेत अन्य उग्रवादियों को फरार बताते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। जमशेदपुर के गुड़ाबंधा में नागरिक सुरक्षा समिति के एक दर्जन से अधिक सदस्यों की हत्या, चाईबासा के बलिवा के चर्चित कांड में पुलिसकर्मियों के सबसे बड़े नरसंहार में प्रशांत बोस की संलिप्तता थी।

इसी बीच पुलिस की टीम ने सरायकेला के गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास से एक स्कॉर्पियो गाड़ी से प्रशांत बोस, शीला मरांडी समेत छह लोगों को पकड़ा। पकड़े जाने के बाद सभी को रांची लाया गया। लेकिन शुरुआती पूछताछ में प्रशांत बोस ने अपना और अपने सहयोगियों का नाम गलत बताया। वहीं स्कॉर्पियो के बारे में भी गलत जानकारी दी। लेकिन 13 नवंबर को पूछताछ में प्रशांत बोस ने अपनी असल पहचान बता दी। जेल भेजे गए भाकपा माओवादियों के सेकेंड इन कमांड प्रशांत बोस, सीसी मेंबर व प्रशांत की पत्नी शीला मरांडी समेत छह माओवादियों को रविवार को जेल भेज दिया गया।

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