सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख चौधरी जयंत सिंह की मंगलवार को घंटों गठबंधन को लेकर बात हुई। हालांकि दोनों ने सीटों के बंटवारे पर पत्ते तो नहीं खोले पर चर्चा यह है कि 36 सीटों पर मंथन हुआ है। इनमें तीस रालोद के हिस्से में आ रही हैं जबकि छह सीटों पर रालोद और सपा के कार्यकर्ता सिंबल बदलकर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि कुछ सीटों पर अभी पेंच फंसने की बात भी कही जा रही है।
उप्र विधानसभा चुनाव 2022 में सपा और रालोद का गठबंधन तो हो चुका है पर सीटों के बंटवारे को लेकर महीनों से मशक्कत चल रही है। पश्चिमी उप्र में रालोद अपना तगड़ा दावा पेश कर रहा है। उधर, सपा मुखिया पश्चिमी उप्र में एक तरफा सारी सीटें रालोद को देने के मूड में नहीं हैं। मसलन मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, मेरठ, बुलंदशहर, बिजनौर, मथुरा आदि जिलों में सपा अपने भी ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार लड़ाना चाह रही है। प्रत्येक जिले में सपा और रालोद का अनुपात तय करने की बात कही जा रही है। चूंकि इन जिलों में जहां सपा का जनाधार रहा है तो वहीं कई दिग्गजों ने इसी आस में सपा का दामन थामा है कि इन्हें वहां से टिकट मिलेगा। उधर, जयंत चौधरी का इन सीटों पर तगड़ा दावा है। उनका कहना है कि यहां पूरा समीकरण ही रालोद का है। इसी रस्साकसी में अभी तक सीटों के बंटवारे का एलान नहीं हो पाया है।
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मंगलवार सुबह जयंत लखनऊ पहुंचे और अखिलेश के आवास पर दोनों की बात हुई। घंटों तक चले मंथन में एक एक सीट के समीकरण पर चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि तीस सीटों पर रालोद को लड़ाना तय हुआ है। उधर छह ऐसी सीटों पर भी बात बनी है जिनमें सपा के उम्मीदवार रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे तो रालोद केउम्मीदवार सपा के टिकट पर। इन्हीं छह सीटों पर अभी एक बार और बैठक होने की चर्चा है। शाम को जयंत वापस दिल्ली लौट गए लेकिन कहा जा रहा है कि जल्द ही स्थिति साफ कर दी जाएगी।
मुलाकात के बाद दोनों ने ही ट्वीट कर और एक साथ फोटो अपलोड कर सकारात्मक परिणाम की ओर इशारा किया। पहले जयंत ने अखिलेश संग उनके आवास पर लिया गया फोटो अपलोड करते हुए लिखा ‘बढ़ते कदम।’ कुछ देर बाद ही अखिलेश ने भी जयंत से हाथ मिलाते हुए फोटो अपलोड किया और लिखा, ‘जयंत चौधरी के साथ बदलाव की ओर।’