बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सरकारों की नजर में दलितों की न तो पहले कोई अहमियत थी और न ही अब है। उनके जाल-माल सुरक्षा को लेकर कांग्रेस को कोई खास परवाह नहीं है।
मायावती ने कहा कि राजस्थान की ताजा घटना में एक दलित की पीट-पीटकर की गई निर्मम हत्या की चर्चा और उसकी निंदा पूरे देश भर में हुई है किंतु कांग्रेस का नेतृत्व न केवल खुद चुप रहा बल्कि उसने अपने दलित नेताओं के भी बोलने पर पाबंदी लगाकर उनकी जुबान बंद करा दी। यह अति दुखद और शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि पंजाब के नए मुख्यमंत्री और गुजरात में इनके नए नेता द्वारा अभी दोहरा मापदंड अपनाते हुए अभी तक अपनी जुबान बंद रखी गई।
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राजस्थान के इस हत्याकांड में तीन दिन बाद एफआईआर लिखी गई, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद कम ही नजर आती है। अतः लखीमपुर की घटना की तरह इस घटना का भी सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान ले तो बेहतर होगा।