अयोध्या। अयोध्या में भूमि पूजन के लिए चार अगस्त से ही सभी मठ-मंदिरों में दो दिन अखंड रामायण का पाठ और रामनाम का संकीर्तन होगा। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का भूमि पूजन करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में अयोध्या त्रेता युग में रावण वध कर लौटे श्रीराम के राज्याभिषेक की तरह सजेगी।
पांच अगस्त को पूरी अयोध्या में घर-घर दीप जलाकर दिवाली जैसा उत्साह दिखाएं। यह रणनीति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कार सेवकपुरम में 40 शीर्ष संतों और धर्माचार्यों के साथ बैठक कर तय की। सीएम ने कहा कि 500 साल के संघर्ष के बाद यह शुभ घड़ी आई है, मुहूर्त पर सवाल उठाने वालों पर ध्यान न दें।
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सीएम योगी दोपहर 1.55 बजे श्रीराम हवाई पट्टी पर उतरे और वहां से सीधे श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। वहां पर उन्होंने पीएम मोदी के भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि पूरे परिसर को युद्धस्तर पर समतलीकरण करते हुए अनावश्यक पड़े वाच टॉवरों को हटा दिया जाए। उन्होंने पीएम समेत अन्य अतिथियों के बैठने से लेकर गर्भगृह में भूमि पूजन और सुरक्षा पर भी चर्चा की। संतों के अनुसार, सीएम योगी ने कहा कि पांच अगस्त को पूरी अयोध्या धर्ममय और राममय नजर आए। अयोध्या की साफ सफाई और आध्यात्मिक ऊर्जा का पीएम को दर्शन कराना है। मठ-मंदिरों, गलियों और मोहल्लों, सड़कों और घाटों को ऐसा मनोरम बनाना होगा, जैसे त्रेता युग धरती पर उतर आया हो।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं, नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि भूमि पूजन के लिए अयोध्या को सजाने संवारने में पूरी ताकत झोंक दें। जन-जन की भागीदारी अपने-अपने घर से सुनिश्चित कराएं। लोग अपने-अपने घरों में दीप जलाकर इस शुभ अवसर पर एक नई दिवाली का आगाज करें।
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कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि भूमि पूजन में सभी संत धर्माचार्यों को आमंत्रित करना ट्रस्ट के लिए संभव नहीं है। ऐसे में भूमि पूजन का लाइव प्रसारण किया जाएगा ताकि सभी लोग इसे देख सकें।
भूमि पूजन का अवसर सभी संत धर्माचार्य और सनातन धर्मियों के लिए मनोवांछित फल देने वाला है। सभी लोग अखंड रामायण पाठ, सुंदर कांड, हनुमान चालीसा पाठ, रामनाम संकीर्तन करें, घरों में दीपमालाएं जलाएं।
कोरोना महामारी के चलते सभी संत-धर्माचार्य और आम जन की उपस्थिति समारोह में संभव नहीं है। हमारी कोशिश होगी कि सभी लोग अपने-अपने स्थान से ही भूमि पूजन के साक्षी बनें। समारोह में सिख, जैन समेत अन्य धर्मों के प्रतिष्ठित लोगों की मौजूदगी भी सुनिश्चित कराने का प्रयास होगा।